Move to Jagran APP

Delhi News: डीयू तदर्थ शिक्षक ने नए स्नातक कोर्स में अंग्रेजी की अनदेखी का लगाया आरोप

Delhi University News दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के किरोड़ीमल कालेज के शिक्षक रुद्राशीष चक्रवर्ती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत अपनाए गए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम से अंग्रेजी विभाग के बंद होने की आशंका जताई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 09:20 PM (IST)
पुराने पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय के विकल्प के रूप में शामिल अंग्रेजी को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के किरोड़ीमल कालेज के शिक्षक रुद्राशीष चक्रवर्ती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनाए गए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम से अंग्रेजी विभाग के बंद होने की आशंका जताई है। उन्होंने इसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट लिखा है। जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय की फरवरी और मार्च की अकादमिक परिषद की बैठकों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत अपनाए गए अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) के चार वर्षीय पाठ्यक्रम में अंग्रेजी की अनदेखी की जा रही है।

loksabha election banner

चार वर्षीय पाठ्यक्रम से अनिवार्य विषय के रूप में शामिल अंग्रेजी को हटाया गया

पुराने पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय के विकल्प के रूप में शामिल अंग्रेजी विषय को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इससे डीयू कालेजों में अंग्रेजी विभाग में मौजूदा तदर्थ और अतिथि शिक्षक बड़े पैमाने पर विस्थापित हो जाएंगे।

तदर्थ शिक्षकों को बेरोजगार होने का डर

इस मामले में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि एनईपी के तहत हमें सभी क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देना है। इसलिए अन्य भाषाओं को नए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे छात्रों को विकल्प के रूप में दूसरे विषय भी पढ़ने को मिलेंगे। अंग्रेजी की कोई अनदेखी नहीं हो रही है। न ही अंग्रेजी का विभाग बंद होगा और न ही तदर्थ शिक्षकों की कोई छंटनी होगी।

भारतीय रेलवे से आई अच्छी खबर, दिल्ली से कई शहरों को जोड़ेगी 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें

Delhi Crime: वाहन चेकिंग में पुलिस को देखकर भागे, पुलिसकर्मी ने दौड़ा कर तीन लुटेरों को किया गिरफ्तार

आजादी के बाद इस बड़े नेता ने कांग्रेस से किया था किनारा, जम्मू पर तब कहा था 'एक विधान, एक निशान'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.