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Delhi Riots: डीआरपी स्कूल के मालिक धर्मेश शर्मा को यूपी के देवबंद से मिली थी धमकी

Delhi Riots दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि केवल धमकी देने के लिए कॉलर ने खासतौर पर सिम खरीदा था।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 07:52 AM (IST)
Delhi Riots: डीआरपी स्कूल के मालिक धर्मेश शर्मा को यूपी के देवबंद से मिली थी धमकी
Delhi Riots: डीआरपी स्कूल के मालिक धर्मेश शर्मा को यूपी के देवबंद से मिली थी धमकी

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान डीआरपी पब्लिक स्कूल को जलाकर खाक कर देने के मामले के मुख्य आरोपित राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारुख की ओर से उत्तर प्रदेश के देवबंद से डीआरपी स्कूल के मालिक धर्मेश शर्मा को धमकी दी गई थी। केवल धमकी देने के लिए कॉलर ने खासतौर पर सिम खरीदा था। फैजल की ओर से दो बार धमकी देने के बाद फोन बंद कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि सिम जिस नाम पर लिया गया उसकी जांच की जा रही है। उस नंबर से किसी अन्य जगह कॉल न करने के कारण कॉलर की पहचान नहीं हो पाई है।

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वहीं, पुलिस से बचने के लिए कॉलर ने खूब चालाकी की है। 4 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे धर्मेश शर्मा को जब धमकी दी गई तब वह अपने स्कूल की मरम्मत करवा रहे थे। उन्हें कहा गया कि फैजल के खिलाफ मुकदमे को वापस ले लें अन्यथा फैजल भाई न केवल उन्हें व उनके पिता समेत परिवार के सभी सदस्यों को जान से मरवा डालेगा बल्कि उनके सभी व्यवसाय को भी खत्म करा देगा। दो बार धमकी मिलने धर्मेश शर्मा डर गए और उन्होंने दयालपुर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था। जांच से पता चला सिम सचिन नाम के युवक के नाम पर देवबंद से खरीदा गया था। उसका पता फर्जी पाया गया। दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस के साथ मिलकर कॉलर तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को यकीन है कि फैजल फारुख के इशारे पर ही धर्मेश को धमकी दी गई। जांच से सुबूत मिलते ही इस मामले में भी फैजल को आरोपित बना दिया जाएगा। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है। उसके एक के बाद एक कई कारनामे सामने आ चुके हैं। जमानत लेने के लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है।

गत दिनों उसने पत्नी सदाफ के बच्चादानी का ऑपरेशन होने के बहाने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा कोर्ट में पेश कर दिया था। ग्रेटर नोएडा के केएस नर्सिंग होम में ऑपरेशन होने की बात कही थी जब कि जांच में पता चला कि सदाफ का ऑपरेशन हुआ ही नहीं। उक्त नर्सिंग होम का मालिक डॉ. गजिंदर नय्यर कई सालों से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बवाने का धंधा करता था। किसी अन्य मामले में शिकायत आने पर मेडिकल काउंसिल ने इस साल नवंबर तक के लिए लाइसेंस रद कर दिया है। न तो डॉक्टर प्रैक्टिस कर सकता है और न ही अस्पताल का संचालन कर सकता है। बावजूद इसके उसने एक वकील व दलाल के माध्यम से फैजल की पत्नी का फॅर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बना दिया था। डॉ. गजिंदर के दो बेटे हैं दोनों विदेश में रहते हैं। पुलिस इस फर्जीवाड़ा में गजिंदर व दलाल मुकेश सांगवान को भी जल्द गिरफ्तार कर लेगी।  


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