आत्मनिर्भर पंचायत का मार्ग आत्मनिर्भर प्रतिनिधि के द्वारा प्रसस्त होगा: डा अशोक चौहान
सरकारी अधिकारी योजनाओं में घपले बाजी करते हैं और योजनाओं का लाभ जरूरत मंद लोगों तक नहीं पहुच पाता है। इसी लिए पंचायती कानूनों को जमीन तक पहुचानें के लिए ढेर सारे अभियान चलाये जानें की जरूरत है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पंचायती राज के वास्तुकार और अखिल भारतीय पंचायत परिषद के संस्थापक अध्यक्ष बलवंत राय मेहता के जन्मदिवस पर संगोष्टी आयोजित किया गया जिसमें ढेर सारे लोग सम्मिलित हुए। इस दिन दिल्ली के मयूर विहार फेज -1 स्थित अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मुख्यालय पर देश भर से पंचायतकर्मी इक्कट्ठे हुए। इस दिन मेहता जी की आत्मनिर्भर पंचायत के सपने को साकार करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई।
अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डा अशोक चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर पंचायत का मार्ग आत्मनिर्भर प्रतिनिधि के द्वारा प्रसस्त होगा, इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों को भी वेतन और पेंशन की व्यवस्था करने की जरूरत है। हम आगामी दिनों में पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन और पेंशन के लिए लिए देशव्यापी अभियान चलाएंगे। महामंत्री अनिल शर्मा नें कहा कि अगले साल अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मुख्यालय में पंचायत मेले के आयोजन के लिए रणनीति तैयार की जा रही है, जिसमें देश भर से पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाकर कानूनों और योजनाओं की जानकारी और क्रियान्वयन हेतु ट्रेनिंग दी जाएगी ।
अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मीडिया और कैम्पेन सलाहकार बद्री नाथ नें कहा समय के साथ पंचायतें सशक्त हुई हैं। पंचायतों की वित्तीय शक्तियां भी बढ़ी हैं। इसका नतीजा है कि आज के सरपंच मिनी विधायक कहे जाते हैं। लेकिन ढेर सारे कानून ऐसे हैं जिसकी जानकारी न तो पंचायत के प्रतिनिधियों को है न ग्रामीणों को है इस दशा में सरकारी अधिकारी योजनाओं में घपले बाजी करते हैं और योजनाओं का लाभ जरूरत मंद लोगों तक नहीं पहुच पाता है। इसी लिए पंचायती कानूनों को जमीन तक पहुचानें के लिए ढेर सारे अभियान चलाये जानें की जरूरत है। इसके लिए पंचायत संदेश पत्रिका के माध्यम से निरंतर जानकारी और जागरूकता का कार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि मेहता जी नें लोकनायक जय प्रकाश नारायण के साथ मिलकर 1958 में अखिल भारतीय पंचायत परिषद् की स्थापना की थी। इन्हीं के सुझावों पर राजीव गाँधी नें सविधान संसोधन करके पंचायतों को सवैधानिक दर्जा दिया था। उसके बाद से पंचायतों के अधिकार और कार्य क्षेत्र में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। इस अहम सभा में महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, जयपाल सिशोधिया, कार्यालय सचिव दिवाकर दुबे समेत ढेर सारे पदाधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
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