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दिल्‍ली में हो सकता है AAP और कांग्रेस में गठबंधन, जानिए क्‍यों बन रहे हालात

आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन को लेकर सहमति बनती जा रही है। कांग्रेस में अंदरखाते इस पर सहमति बनती दिख रही है।

By Edited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 08:03 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 07:47 AM (IST)
दिल्‍ली में हो सकता है AAP और कांग्रेस में गठबंधन, जानिए क्‍यों बन रहे हालात

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन की खिचड़ी जल्द ही पक सकती है। कांग्रेस में अंदरखाने इस पर सहमति बनती दिख रही है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल तो पहले से ही इस गठबंधन पर जोर देते आ रहे हैं। उम्मीद है कि चुनाव अधिसूचना के बाद इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। गौरतलब है कि इस गठबंधन की चर्चा तो करीब एक साल से चल रही है।

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वोट कटने का है डर
गठबंधन के पीछे आप नेताओं की ओर से तर्क यह दिया जा रहा है कि कांग्रेस और आप का वोट बैंक चूंकि एक ही है, इसलिए अगर दोनों पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे तो आपस में ही एक- दूसरे के वोट काटेंगे। इस स्थिति में सारा फायदा भाजपा उम्मीदवार ले जाएंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसी समीकरण पर अंतत: सहमति बनने को है।

गठबंधन की चर्चा में नहीं थीं शीला
बृहस्पतिवार दोपहर गुरुद्वारा रकाब गंज रोड स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के वार रूम में एक बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, महासचिव के सी वेणुगोपाल और दिल्ली प्रभारी पी सी चाको उपस्थित थे। बैठक के शुरूआती दौर में हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित भी मौजूद थीं, लेकिन गठबंधन की चर्चा से पूर्व ही वह निकल गई थीं।

बिना गठबंधन चुनाव जीतना मुश्‍किल
शीला के जाने के बाद वेणुगोपाल ने चाको से गठबंधन पर पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि बिना गठबंधन चुनाव जीतना मुश्किल है। इस पर पटेल का कहना था कि 3-3-1 के फार्मूले पर आप के साथ सहमति बन सकती है। इसके बाद चाको को शीला से बात करने के लिए भेजा गया। शाम करीब छह बजे चाको ने शीला से उनके निवास पर मुलाकात की।

एक घंटे चली शीला और चाको की मुलाकात
करीब एक घंटे की मुलाकात में शीला से गठबंधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। हालांकि ठोस निर्णय कुछ नहीं हुआ। सूत्र बताते हैं कि इस विषय पर शीला और चाको की जल्द ही दोबारा बैठक हो सकती है। बताया जाता है कि गठबंधन के तहत दिल्ली की सात में से तीन सीटों पर आप उम्मीदवार खड़े होंगे जबकि तीन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।

एक सीट पर फंस सकता है पेंच
एक सीट पर दोनों पार्टियों की साझा पसंद का उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक आप दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीट चाहती है जबकि कांग्रेस के लिए नई दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौंक सीट छोड़ना चाहती है। पश्चिमी दिल्ली सीट से संयुक्त उम्मीदवार को चुनाव लड़वाया जा सकता है।

बनने लगे हैं सहमति के आसार
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब चूंकि कांग्रेस में सहमति बनने के आसार लग रहे हैं तो जल्द ही इस बाबत आप मुखिया केजरीवाल से भी बैठक रखी जा सकती है। इस बैठक में औपचारिक रूप से सबकुछ तय हो जाएगा। सीटों को लेकर हल्का बदलाव भी हो सकता है। यह भी तय है कि इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा तभी की जाएगी जब चुनाव घोषित हो जाएंगे।


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