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UP: दिल्ली से सटे लोनी इलाके में तेज धमाके के साथ भरभराकर ढह गया दो मंजिला मकान

मलबे में दबने से महिला की मौत हो गई। दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम ने 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से महिला के शव को बाहर निकाला। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 08:44 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 04:51 PM (IST)
UP: दिल्ली से सटे लोनी इलाके में तेज धमाके के साथ भरभराकर ढह गया दो मंजिला मकान
UP: दिल्ली से सटे लोनी इलाके में तेज धमाके के साथ भरभराकर ढह गया दो मंजिला मकान

गाजियाबाद, जेएनएन। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के लोनी की इकराम नगर कॉलोनी स्थित बेकरी में बुधवार रात अचानक आग लग गई। आग लगने से दो मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। मलबे में दबने से महिला की मौत हो गई। दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम ने 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से महिला के शव को बाहर निकाला। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है। 

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इकराम नगर कॉलोनी में नवील अहमद दो मंजिला मकान में परिवार के साथ रहते हैं। वह ग्राउंड फ्लोर पर बेकरी चलाते हैं, जबकि प्रथम तल पर उनका परिवार रहता है। उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं। बुधवार रात करीब 1:00 बजे बेकरी में अचानक आग लग गई। आग लगी देख आसपास के लोगों ने सबमर्सिबल से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। साथ ही पुलिस और दमकल विभाग को घटना की सूचना दी।

सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद चार फायर टैंकरों से 2 घंटे में आग पर काबू पाया। आग के कारण गडर पटिया से बना मकान गिर गया। मलबे में दबने से बेकरी संचालक की पत्नी फातिमा 37 की मौत हो गई, जबकि उनके बच्चे घायल हो गए।

अधिकारियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरफ टीम को मौके पर बुलाया। करीब 5:30 बजे एनडीआरएफ टीम ने महिला के शव को मलबे से बाहर निकाला। कोतवाली प्रभारी संजय वर्मा ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रथम दृष्टया शार्ट सर्किट से आग लगने की जानकारी मिल पाई है। जांच के बाद आग लगने के सही कारणों का पता चल सकेगा।

 इससे पहले गुरुग्राम के गांव उल्लावास में 24 जनवरी को सुबह पांच बजे तीन मंजिला इमारत अचानक जमींदोज हो गई थी। जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। 

पता चला है कि जहां हादसा हुआ वहा दयाराम का मकान है। 180 वर्ग गज तीन मंजिल पर बने हुए चौथी मंजिल का लेंटर बुधवार को डाला गया था, पुरानी बिल्डिंग इसका भार नहीं झेल पाई और ढह गई।

इस निर्माणाधीन इमारत की चपेट में आसपास की इमारतें भी आ गई हैं जिन्हें काफी नुकसान हुआ है। जेसीबी से मलबे को हटाया जा रहा है। घटनास्थल पर काफी संख्या में लोग जमा हो गए हैं।

पहले भी हुए हैं इस तरह के हादसे

यह पहली बार नहीं, जब दिल्ली-NCR में इमारत ढही है। इससे पहले पिछले साल ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में एक इमारत ढह गई थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस पर काफी हो-हल्ला मचा था, लेकिन अब भी अवैध और नियमों को ताक पर रखकर इमारतों का निर्माण जारी है।

कब बनी एनडीआरएफ
26 दिसंबर 2005 को आपदा मोचन एक्ट के आधार पर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथाॅरिटी बनाई गई। जिसकी योजना, नीतियों और गाइडलाइंस के आधार पर नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) का गठन किया गया. जो प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से एक्सपर्ट के रूप में तुरंत रिस्पॉन्स दे सकें। वर्ष 2006 में आठ बटालियनों के साथ एनडीआरएफ को गठित किया गया। एनडीआरएफ का मतलब नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स यानि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल। भारत में 90 के दशक के आखिर में एक ऐसी फोर्स की जरूरत महसूस होने लगी, जो तमाम तरह की आपदाओं में जाकर लोगों को बचा सके।


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