SC On Stray Dogs: 'बहुत दर्द झेला है...', सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बोले आवारा कुत्तों के हमलों के शिकार लोग
पूर्वी दिल्ली में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है जिससे लोग परेशान हैं। अस्पतालों में हर दिन लगभग 400 लोग कुत्ते के काटने के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे उन्हें राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। आवारा कुत्तों के आतंक से यमुनापार के लोग दुखी हैं। अस्पतालों में कुत्ता काटने के मरीजों की लाइन देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हद तक लोग पीड़ित हैं।
जीटीबी, जग प्रवेश चंद्र अस्पताल, एलबीएस, डॉ. हेडगेवार समेत अन्य अस्पतालों में मिलाकर एक दिन में कुत्ते के काटने के करीब चार सौ मरीज रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए जाते हैं। शाहदरा, पूर्वी और उत्तरी पूर्वी जिले में इस साल कुत्ते के काटने की 20 केस दर्ज हुए हैं।
कुत्तों के आतंक पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्थानीय लोग सराहनीय बता रहे हैं। लोगों का कहना है हर एक क्षेत्र में आए दिन कोई न कोई व्यक्ति कुत्तों का शिकार हो रहा है। दो पहिया वाहन चालकों व राहगीरों पर झूंड बनाए हुए कुत्ते झपट जाते हैं।
लोग अपनी पीड़ा को सोशल मीडिया पर भी जाहिर कर रहे हैं। कुत्ते के हमले में घायल लोगों ने कहा कि उन्होंने जो दर्द सहा है वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते। कुत्तों के समाधान के लिए निगम को शिकायतें करके थक चुके थे। कोर्ट के आदेश ने राह दिखाई है कि इस समस्या से लोगों को छुटकारा मिलेगा।
क्या बोले पीड़ित?
वो दिन मैं भूल नहीं सकता जब पार्क के अंदर कुत्ते ने मुझे भयंकर तरीके से काटा था। रेबीज के कई इंजेक्शन मुझे लगे थे। डर लगता था कोई इंजेक्शन अगर छुट गया तो उसके क्या परिणाम होंगे। दिमाग में एक ही बात रहती थी कौन-कौन से दिन इंजेक्शन लगवाने हैं। बहुत दर्द सहा है। कोर्ट का फैसला बहुत अच्छा है। -अजय, दिलशाद गार्डन
मैं गली से किराने का सामान लेकर जा रहा था। अचानक से कुत्ते ने मेरे ऊपर हमला कर दिया। मेरे हाथ पर सात से आठ जगह कुत्ते ने काटा था। कई दिनों तक वह कारखाने में काम पर नहीं जा सका था। रेबीज के इंजेक्शन के लिए अस्पतालों के धक्के खाए हैं। सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन होते नहीं थे। जेब में इतने पैसे नहीं थे निजी अस्पताल में लगवा सकूं। - रहीसुद्दीन, ब्रह्मपुरी
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