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महिला डॉक्टर से करता था एकतरफा प्यार, इग्नोर करने पर उतारा मौत के घाट

रंजीत नगर इलाके में एक महिला डॉक्टर की उनके परिचित डॉक्टर ने चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। दोनों एक ही मकान में तीसरी मंजिल पर किराए पर कमरा लेकर रहते थे।

By Edited By: Published: Wed, 01 May 2019 07:57 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 08:26 PM (IST)
महिला डॉक्टर से करता था एकतरफा प्यार, इग्नोर करने पर उतारा मौत के घाट
महिला डॉक्टर से करता था एकतरफा प्यार, इग्नोर करने पर उतारा मौत के घाट

नई दिल्ली, जेएनएन। मध्य जिले के रंजीत नगर इलाके में एक महिला डॉक्टर की उनके परिचित डॉक्टर ने चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। दोनों एक ही मकान में तीसरी मंजिल पर किराए पर कमरा लेकर रहते थे। मृतका की पहचान गरिमा मिश्रा के रूप में हुई है। आरोपित चंद्र प्रकाश वर्मा उनसे एकतरफा प्यार करता था, लेकिन वह उसे नजरअंदाज कर रही थीं।

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माना जा रहा कि इसी वजह से खुन्नस में आकर उसने वारदात को अंजाम दिया। रंजीत नगर थाना पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। डॉक्टर चंद्र प्रकाश की तलाश की जा रही है। एडिशनल डीसीपी अमित शर्मा के मुताबिक डॉ. गरिमा मिश्रा (25) मूलरूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली थीं। उनके पिता बद्रीनाथ मिश्रा बैंक में नौकरी करते थे। हाल ही में वह सेवानिवृत्त हुए हैं। गरिमा के बड़े भाई बेंगलुरु में इंजीनियर हैं। बहन भी इंजीनियर हैं। बद्रीनाथ बेटे के पास बेंगलुरू में रह रहे थे।

एमबीबीएस करने के बाद करोलबाग स्थित दिल्ली सरकार के जोशी अस्पताल में गरिमा की नौकरी लग गई थी। दो महीने पहले वह नौकरी छोड़कर एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की तैयारी करने लगीं। वह रंजीत नगर की गली नंबर 2 में एक मकान में रह रही थीं। गरिमा के बगल वाले कमरे में डॉ. चंद्र प्रकाश वर्मा साथी डॉ. राकेश के साथ रह रहा था। चंद्र प्रकाश भी एमबीबीएस करने के बाद एमडी की तैयारी कर रहा था। डॉ. राकेश अपोलो अस्पताल, सरिता विहार में नौकरी करते हैं।

मंगलवार शाम डॉ. राकेश कहीं गए हुए थे। पुलिस को शक है कि उसी दौरान डॉ. चंद्र प्रकाश ने गरिमा के कमरे में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर रसोई के चाकू से गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उनके कमरे में बाहर से ताला जड़कर अपने कमरे में आ गया। देर शाम करीब 8.30 बजे डॉ. राकेश घर आ गए। उन्होंने देखा कि चंद्र प्रकाश घबराया हुआ है और किताबें इकट्ठा कर रहा है। पूछने पर उसने बताया कि वह एक दोस्त को किताबें देने जा रहा है और जल्द आ जाएगा। जल्दी में वह चप्पल ही पहनकर चला गया, लेकिन वापस लौटकर नहीं आया।

ममेरे भाई के साथ जाना था गोरखपुर
गरिमा को मंगलवार देर शाम आठ बजे आइएसबीटी कश्मीरी गेट से बस पकड़कर ममेरे भाई के साथ गोरखपुर जाना था। वह गुरुग्राम में नौकरी करते हैं। मंगलवार शाम वह बस अड्डे पर पहुंचे और गरिमा को कई बार फोन किया, लेकिन फोन नहीं उठा। कुछ देर इंतजार करने के बाद वह गरिमा को देखने के लिए रात करीब 10.30 बजे रंजीत नगर पहुंचे। कमरे में बाहर से ताला लगा देखकर उन्होंने बगल के कमरे में मौजूद डॉ. राकेश से गरिमा के बारे में पूछा तो उन्होंने जानकारी होने से मना कर दिया।

इस पर उन्हें शक हुआ। उन्होंने स्टूल पर चढ़कर दरवाजे के ऊपर रोशनदान से झांककर देखा तो कमरे की लाइट बंद थी और पंखे चल रहे थे। मोबाइल फोन की लाइट जलाकर नीचे की तरफ देखा गया तो गरिमा खून से लथपथ फर्श पर पड़ी हुई थीं। उन्होंने डॉ. राकेश की मदद से दरवाजे का ताला तोड़ा। अंदर जाकर देखा तो गरिमा मृत पड़ी थीं। घटना की सूचना मकान मालिक को दी गई। मकान मालिक ने रात करीब 11.15 बजे पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर लेडी हार्डिग अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। बुधवार को बेंगलुरु से परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

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