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    डॉक्टर नहीं ये जल्लाद है... इसके जहन में छिपे 100 कत्ल के राज, मगरमच्छों को खिलाता था लाशें

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया जो डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात है। डॉक्टर देवेंद्र शर्मा 100 से ज्यादा हत्याओं में शामिल था और लाशों को नहर में फेंक देता था जहां मगरमच्छ उन्हें खा जाते थे। हत्या के एक मामले में वह ताउम्र सजायाफ्ता था लेकिन पैरोल पर लापता हो गया।

    By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 21 May 2025 10:07 AM (IST)
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    100 से ज्यादा हत्या करने में शामिल रहा डॉक्टर देवेंद्र शर्मा गिरफ्तार हुआ। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Doctor Death Devendra Sharma News लोग डॉक्टर में भगवान का रूप देखते हैं क्योंकि, जब इंसान जिंदगी और मौत के बीच जूझता है तो उसे डॉक्टर भगवान लगने लगते हैं। ऐसे में डॉक्टर ही होते हैं तो इंसान को बचाने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन सोचिए अगर डॉक्टर ही जल्लाद बन जाए तो क्या होगा? 

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    दिल्ली की क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे ही डॉक्टर को गिरफ्तार किया है जो, डॉक्टर नहीं बल्कि जल्लाद है! डॉक्टर देवेंद्र शर्मा 100 से ज्यादा हत्या के मामलों में शामिल रहा है। इसे एक मामले में फांसी की सजा भी हो चुकी है।

    9 साल में 100 से ज्यादा हत्याएं

    कुख्यात सीरियल किलर डॉक्टर की पहचान थाना छबड़ा, गांव पुरैनी अलीगढ़ निवासी डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा के रूप में हुई है। उसे डॉक्टर डेथ के नाम से भी जाना जाता था। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी देवेंद्र शर्मा ने गिरोह के साथ मिलकर वर्ष 1995 से 2004 के बीच 100 से ज्यादा हत्याएं की थीं। इतना ही नहीं बल्कि वह लाशों को कासगंज की हजारा नहर में फेंक देता था, जहां उन लाशों को मगरमच्छ खा जाते थे। इस घटना का खुलासा होने पर हर कोई हैरान है।

    2 साल पहले आया था गांव 

    हत्या के एक मामले में वर्ष 2020 में ताउम्र सजायाफ्ता देवेंद्र शर्मा को जयपुर की सेंट्रल जेल से जनवरी में 20 दिन के पैरोल मिली थी। तब वह छर्रा थाने में नियमित हाजिरी लगाने आता था। इसी दौरान वह एक दिन कार से गांव गया था। आधा घंटा ही रहा होगा। इसके बाद वह लापता हो गया। 

    दिल्ली में एक विधवा से की थी शादी

    बताया गया कि पैरोल पर बाहर आने के बाद उसने पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी कर ली थी और उसके साथ रहते हुए प्रॉपर्टी का काम करने लगा था। छह माह बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था। 

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    वहीं, गांव के लोगों का कहना है कि पुस्तैनी मकान में कोई नहीं रहता। पिताजी के नाम 14 बीघा खेती है। तब उसने खेती और मकान बेचने के बारे में लोगों से चर्चा की थी। इसके बाद वह गांव नहीं आया।