दिल्ली सरकार ने बढ़ाए DM के अधिकार, अब नहीं रुकेंगे विकास कार्य; जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश
दिल्ली सरकार ने जिला परियोजना निधि योजना और एकीकृत जिला परियोजना निधि योजना शुरू की है। इसका लक्ष्य बुनियादी ढांचे का विकास करना और जनता को सुविधाएं देना है। सड़कों स्कूलों पार्कों जैसे स्थानीय जरूरतों के कामों को प्राथमिकता दी जाएगी। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नो डुप्लीकेशन सर्टिफिकेट जरूरी है और कार्यों की निगरानी की जाएगी। निधि का दुरुपयोग होने पर सज़ा का प्रावधान है।

लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने राजधानी के प्रत्येक जिले में छोटे लेकिन अत्यावश्यक विकास कार्यों को गति देने के लिए जिला परियोजना निधि योजना और एकीकृत जिला परियोजना निधि योजना लागू की है। इन योजनाओं का उद्देश्य त्वरित वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर आधारभूत संरचना का विकास करना और जनता को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना है।
इन योजनाओं का मुख्य लक्ष्य जमीनी स्तर पर स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान कर तात्कालिक विकास कार्यों को पूरा करना है। इसमें सड़कों, स्कूलों, डिस्पेंसरी, सामुदायिक भवनों, आंगनबाड़ी केंद्रों, गौशालाओं, पार्कों, सार्वजनिक शौचालयों, सीसीटीवी व स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत, नालों की सफाई, तालाबों के पुनर्जीवन जैसे कार्य शामिल हैं।
साथ ही, राजस्व विभाग के जिला कार्यालयों व मुख्यालय की इमारतों के उन्नयन/संरक्षण कार्य भी इन योजनाओं में सम्मिलित किए गए हैं।
योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले के उपायुक्त (डीएम) अपने क्षेत्र में कार्यों की प्राथमिकता तय करेंगे। वहीं, एकीकृत योजना (आइडीपीएफएस) के तहत यदि किसी जिले में निधि की कमी होगी तो मुख्यालय स्तर से सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, नगर निगम दिल्ली (एमसीडी), दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) तथा अन्य सरकारी स्वीकृत एजेंसियों को सौंपी जाएगी।
योजना की सबसे अहम विशेषता पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले संबंधित विभाग से नो डुप्लीकेशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा, ताकि एक ही कार्य को अन्य योजनाओं में दोहराया न जाए। सभी कार्यों की निगरानी जिला मजिस्ट्रेट करेंगे और साप्ताहिक एवं मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
योजना के अंतर्गत कार्य पूरे होने के बाद संबंधित विभाग रखरखाव की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसके अलावा परियोजनाओं का आंतरिक और वैधानिक आडिट अनिवार्य होगा। निधि का दुरुपयोग होने पर दंडात्मक कार्रवाई, वसूली और कानूनी कार्रवाई का प्रविधान है।
राजस्व विभाग की जिला परियोजना निधि योजना और एकीकृत जिला परियोजना निधि योजना दिल्ली के विकास में तात्कालिक हस्तक्षेप का प्रभावी माध्यम सिद्ध होंगी। इन योजनाओं से छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे और स्थानीय स्तर पर जनता की मूलभूत जरूरतें शीघ्र पूरी हो सकेंगी।
10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को स्वीकृति दे सकेंगे डीएम
जिला स्तर पर 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं की स्वीकृति संबंधित डीएम देंगे। 10 से 50 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को सचिव (राजस्व)-कम-डिविजनल कमिश्नर मंजूरी देंगे। 50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं वित्त विभाग, जीएनसीटीडी द्वारा स्वीकृत होंगी। मुख्यालय स्तर पर 50 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं की स्वीकृति परियोजना अनुमोदन समिति (पीएसी) करेगी।
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