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Delhi News: महरौली जिला भाजपा ओबीसी मोर्चा के सभी मंडल अध्यक्ष निलंबित

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील यादव को ओबीसी मोर्चा का प्रभारी और मंत्री विक्रम बिधूड़ी को सह प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने महरौली जिला में समीक्षा बैठक रखी थी। जिला के पदाधिकारियों के साथ ही सभी मंडलों के अध्यक्ष व महामंत्री को इसमें शामिल होना था।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 09:52 PM (IST)
Delhi News: महरौली जिला भाजपा ओबीसी मोर्चा के सभी मंडल अध्यक्ष निलंबित
बैठक में मौजूद भाजपा नेताओं के अनुसार बैठक में जिला के 23 पदाधिकारियों में से सिर्फ आठ ही मौजूद थे।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। भाजपा के महरौली जिला में सोमवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा की बैठक थी। मोर्चा के प्रभारी सुनील यादव व प्रदेश अध्यक्ष संतोष पाल के साथ ही अन्य वरिष्ठ नेता बैठक में पहुंचे थे लेकिन कोई भी मंडल अध्यक्ष नहीं पहुंचा। अधिकांश जिला पदाधिकारी भी नदारद थे। इससे नाराज होकर यादव ने मंडल अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों को निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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सभी वर्गों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा में मोर्चों का गठन किया गया है। प्रदेश से लेकर मंडल तक प्रत्येक मोर्चों की इकाई गठित की गई है। पिछले दिनों इनके प्रभारी व सह प्रभारियों की घोषणा की गई है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील यादव को ओबीसी मोर्चा का प्रभारी और मंत्री विक्रम बिधूड़ी को सह प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने महरौली जिला में समीक्षा बैठक रखी थी। जिला के पदाधिकारियों के साथ ही सभी मंडलों के अध्यक्ष व महामंत्री को इसमें शामिल होना था। इस संबंध में उन्हें सूचित भी कर दिया गया था, लेकिन बैठक से अधिकांश पदाधिकारी नदारद रहे।

बैठक में मौजूद भाजपा नेताओं के अनुसार बैठक में जिला के 23 पदाधिकारियों में से सिर्फ आठ ही मौजूद थे। पदाधिकारियों की इस लापरवाही को प्रभारी व सह प्रभारी ने गंभीरता से लिया है। प्रभारी ने जिला अध्यक्ष को कार्य प्रणाली सुधारने को कहा है। निलंबित किए गए पदाधिकारियों के जवाब मिलने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी। 

उधर, भाजपा का नारा है -बूथ जीतो चुनाव जीतो-। यह सिर्फ नारा नहीं किसी भी पार्टी के लिए चुनाव में जीत हासिल करने की सच्चाई है। यही कारण है कि भाजपा के रणनीतिकारों का बूथ प्रबंधन पर जोर है। इस बार हैदराबाद में हुई कार्यकारिणी की बैठक में प्रत्येक बूथ पर दो सौ कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिल्ली भाजपा के लिए यह असंभव नहीं तो मुश्किल लक्ष्य जरूर है।

कमजोर बूथ प्रबंधन के कारण पार्टी दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने में नाकाम रही है। प्रत्येक बूथ पर पांच कार्यकर्ताओं की टीम (पंच परमेश्वर) और पन्ना प्रमुख बनाने के तरीके पर सवाल खड़े होते रहे हैं। पंच परमेश्वर व पन्ना प्रमुख की तैनाती भाजपा की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। बूथ स्तर पार्टी को मजबूत करने की इनकी जिम्मेदारी होती है।


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