निमंत्रण कार्ड पैक करने में पालीथिन कवर से बनाई दूरी, खूबसूरती के लिए हो रहा रिबन का इस्तेमाल
झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र में नाइस वेडिंग कार्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विजय मल्होत्रा बताते हैं कि निमंत्रण कार्ड को पहले भी कागज के कवर में रखा जा रहा था। उस पर पालीथिन कवर से दोहरी पैकिंग की जा रही थी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निमंत्रण कार्ड बनाने वाले कारोबारियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध को सकारात्मक रूप में लिया है। कारोबारियों ने कार्ड को पैक करने के लिए पतली पालीथिन के कवर से दूरी बना ली है। अब वह कार्ड को बगैर पालीथिन कवर के बेच रहे हैं।
कार्ड को पैक करने के लिए रिबन का हो रहा इस्तेमाल
कुछ लोग आकर्षक बनाने के लिए कार्ड को रिबन से पैक कर रहे हैं। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2021 के तहत निमंत्रण कार्ड की पैकिंग में उपयोग होने वाली पालीथिन को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
यमुनापर में हैं कार्ड बनाने वाली इकाइयां
यमुनापार में यह कार्ड बनाने वाली चुनिंदा इकाइयां हैं, इनमें प्रतिबंध का पालन करते हुए पालीथिन कवर की पैकिंग बंद कर दी गई है। झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र में नाइस वेडिंग कार्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विजय मल्होत्रा बताते हैं कि निमंत्रण कार्ड को पहले भी कागज के कवर में रखा जा रहा था। उस पर पालीथिन कवर से दोहरी पैकिंग की जा रही थी। इसके पीछे केवल यही उद्देश्य था कि कार्ड सुरक्षित रहे और उसकी चमक बढ़ जाए।
पालीथिन कवर पर भी प्रतिबंध
सिंगल यूज प्लास्टिक में कार्ड के पालीथिन कवर को भी शामिल कर प्रतिबंध कर दिया गया है। ऐसे में नियमों का पालन करते हुए पालीथिन कवर का उपयोग बंद कर दिया है। कार्ड अब केवल कागज के कवर में पैक हो रहा है। उसे आकर्षक बनाने के लिए रिबन लपेट रहे हैं।
कागज के कवर को बंद करने के लिए स्टिकर का हो रहा उपयोग
कागज के कवर को बंद करने के लिए स्टिकर का उपयोग कर रहे हैं। कार्ड विक्रेता सुनील कुमार भी ऐसा ही कर रहे हैं। उनका कहना है कि पालीथिन पर प्रतिबंध उचित है। इससे पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलेगा।
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