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    लोकनायक अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान, ओपीडी बंद; इलाज ठप

    Updated: Fri, 16 Aug 2024 06:41 PM (IST)

    लोकनायक अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी में पर्चे बनाना बंद कर दिए गए हैं और मरीजों को बिना इलाज के लौटा दिया जा रहा है। इमरजेंसी सेवाएं तो चालू हैं लेकिन वहां भी मरीजों की संख्या कम है। हड़ताल के कारण अस्पताल में होने वाली जांच भी प्रभावित हुई हैं।

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    लोकनायक अस्पताल में ओपीडी के बाहर की स्थिति।

    उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में शुक्रवार को भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं।

    अस्पताल की ओपीडी में पर्चे बनना आधे घंटे पहले ही बंद कर दिए गए। यही नही तय समय से पहले ही मरीजों को बगैर उपचार दिए लौटा दिया गया।

    समय से पहुंचे मरीज पर्चे नहीं बनवा सके और जिनके पर्चे बने, उनको भी इलाज नहीं मिला। इमरजेंसी सेवाएं रोजाना की तरह सुचारू थीं। लेकिन, हड़ताल के चलते वहां भी कम मरीज आ रहे हैं।

    11 बजे पर्चे बनने हुए बंद

    लोकनायक अस्पताल में सुबह 11.30 बजे तक ओपीडी में पर्चे बनते हैं। शुक्रवार को 11 बजे ही पर्चे बनना बंद हो गए। उपचार के लिए खजूरी खास से आईं नजमा खातून ने बताया कि उनको पेट में समस्या हो गई थी।

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    घर से निकली थीं, तब यह सोचकर आईं थी 11.30 बजे तक पर्चे बन रहे हैं। लेकिन, वह जब अस्पताल पहुंचीं तो पर्चे बनने की विंडो बंद कर दी गई थी।

    सदर बाजार से आए सलीम खान ने बताया कि वह 11 बजकर पांच मिनट पर पहुंचे थे, लेकिन पता चला कि अब पर्चे नहीं बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्चे तो जितना समय है, उसके अनुरूप ही बनने चाहिए।

    सिर्फ पर्चे बनने में ही मरीजों को परेशानी नहीं हुई। ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों का 11.30 बजे उपचार बंद कर दिया गया। जबकि आम दिनों में सुबह आठ से एक बजे तक उपचार किया जाता है।

    मरीजों का छलका दर्द

    बदायूं से अपने पति के उपचार के लिए आईं गुलनाज बानो ने बताया कि हम सुबह ही अस्पताल पहुंच गए थे। पर्चा बनवा लिया और मेडिसिन विभाग में आए थे। लेकिन, अब कह दिया है कि नए पर्चों पर उपचार नहीं दिया जाएगा।

    अब लौटकर जाना पड़ेगा और दोबारा आना पड़ेगा। बोल रहे हैं कि इमरजेंसी में दिखा लो, लेकिन इमरजेंसी में मना कर दिया और कहा कि गंभीर मरीजों को ही यहां उपचार दिया जाता है।

    ओपीडी के अलावा जांच भी प्रभावित

    ओपीडी के अलावा अस्पताल में होने वाली जांच भी प्रभावित रहीं। जांच के लिए पहुंच रहे मरीजों को तारीख दी जा रही थी, लेकिन उनकी जांच नहीं हो रही थी।

    एक गार्ड से पूछने पर उसने कहा कि हड़ताल की वजह से जांच नहीं हो पा रही है। जामा मस्जिद इलाके से आए सोनू ने बताया कि एक्स-रे कराना था। बोल रहे हैं कि जांच नहीं होगी। तारीख लेने के लिए लाइन में खड़ा हुआ हूं।

    अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि बहुत गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। शेष को लौटा दिया जा रहा है। क्योंकि उपचार के लिए जूनियर डॉक्टर नहीं हैं।

    आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म व हत्याकांड के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन

    बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की ड्यूटी के दौरान दुष्कर्म के बाद बर्बर हत्या से डाक्टर समुदाय में आक्रोश है।

    मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) का रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) हड़ताल में बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है और डॉक्टरों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग कर रहा है।

    मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की आरडीए की अध्यक्ष डॉ. अपर्णा सेतिया ने कहा कि मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।