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    अर्जुन पुरस्कार विजेता CRPF के अधिकारी को बर्खास्तगी का नोटिस, यौन उत्पीड़न मामले में आरोप सही पाया गया

    Updated: Sat, 27 Apr 2024 09:18 PM (IST)

    सीआरपीएफ के सूत्रों के मुताबिक महिला सीआरपीएफ कर्मियों के एक समूह द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बल ने जांच की जिसमें उनका अपराध सही पाया है। इसके बाद देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल ने यूपीएससी को एक रिपोर्ट सौंपी। उसके बाद गृह मंत्रालय को अर्जुन पुरस्कार विजेता खजान सिंह को बर्खास्तगी के लिए नोटिस जारी करना पड़ा।

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    अर्जुन पुरस्कार विजेता CRPF के अधिकारी को बर्खास्तगी का नोटिस

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने यौन उत्पीड़न का दोषी पाए जाने के बाद अपने एक उच्च पदस्थ अधिकारी को हटाने का आदेश जारी किया है। अर्जुन पुरस्कार विजेता खजान सिंह को यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्तगी के लिए नोटिस जारी किया गया है।

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    नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। यह कार्रवाई संघ लोक सेवा आयोग की सिफारिश और गृह मंत्रालय की मंजूरी पर की गई है। सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के मुख्य खेल अधिकारी खजान सिंह पर अर्धसैनिक बल की कुछ महिला कर्मियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

    यौन उत्पीड़न मामले में अपराध सही पाया गया

    सीआरपीएफ के सूत्रों के मुताबिक महिला सीआरपीएफ कर्मियों के एक समूह द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बल ने जांच की, जिसमें उनका अपराध सही पाया है। इसके बाद देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल ने यूपीएससी को एक रिपोर्ट सौंपी। उसके बाद गृह मंत्रालय को उनकी बर्खास्तगी का अनुरोध करना पड़ा।

    सीआरपीएफ के मुख्य खेल अधिकारी की भूमिका संभालने से पहले खजान सिंह ने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया और 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक जीता। उनकी जीत 1951 के बाद से इस प्रतियोगिता में भारत का पहला तैराकी पदक है।

    खजान सिंह वर्तमान में मुंबई में तैनात

    खजान सिंह वर्तमान में मुंबई में तैनात हैं। उन पर दो आरोप हैं। एक मामले में बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की गई है और दूसरे मामले की जांच की जा रही है। पहले आरोप को गलत बताते हुए उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की बात कही है।

    करीब 3.25 लाख कर्मियों वाले सीआरपीएफ ने शुरुआत में 1986 में महिलाओं को लड़ाकू रैंकों में शामिल किया था। अब इसमें छह महिला बटालियन हैं, जिनमें कुल 8000 कर्मी हैं। इसके अतिरिक्त महिलाएं बल के भीतर खेल और विभिन्न प्रशासनिक क्षमताओं में काम करती हैं।

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