एक महीने से ईस्ट ऑफ कैलाश के रेजिडेंट्स परेशान, गंदा पानी आने का DJB नहीं कर रहा समाधान
दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में दूषित जल आपूर्ति से लोग परेशान हैं। महीने भर से गंदा पानी आ रहा है जिससे पूजा-पाठ और दैनिक कार्यों में दिक्कत हो रही है। आरडब्ल्यूए ने दिल्ली जल बोर्ड से कई बार शिकायत की लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। लोगों को जलजनित बीमारियों का डर है और वे साफ पानी के लिए परेशान हैं।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में गंदा पानी आने से रेजिडेंट्स परेशान हैं।
रेजिडेंट्स का कहना है कि लंबे समय से गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। ऐसे में लोगों को पानी के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।
इसे लेकर RWA की ओर से Delhi Jal Board से कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
East Of Kailash के ब्लॉक-G में एक महीने से गंदा पानी आ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रावण मास में कई लोग घर में पूजा-पाठ करने के साथ ही व्रत रखते हैं।
घरों में दिल्ली जल बोर्ड की ओर से आपूर्ति किए जा रहे पीने के पानी में सीवर का गंदा पानी मिला हुआ है। इससे लोग पानी का प्रयोग किसी भी काम के लिए नहीं कर पा रहे हैं और परेशानी बढ़ गई है।
रेजिडेंट्स की ये है शिकायत
स्थानीय निवासी सुनील अरोड़ा ने कहा कि दूषित जलापूर्ति से पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है।
राजन श्रीवास्तव ने बताया कि वर्षों से इलाके में सीवर की लाइनें नहीं बदली गई हैं। जगह-जगह पेयजल और सीवर की पाइपलाइन टूटा होना भी गंदे पानी की आपूर्ति का कारण है।
मीनू का कहना है कि पॉश काॅलोनी में रहने के बावजूद लोगों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल रहा है। सुबह गंदा पानी घरों में पहुंचता है तो पूरी दिनचर्या खराब हो जाती है।
इलाके में काफी समय से दूषित पानी आ रहा है। कई बार पानी की टंकी भरने के बाद बदबूदार पानी का पता चलता है फिर पूरी सफाई करानी पड़ती है। श्रावण मास में कई लोग व्रत धारण करते हैं ऐसे में परेशानी बढ़ गई है। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हुआ।
- पवन शर्मा, आरडब्ल्यूए कोआर्डिनेटर
पाॅश काॅलोनी में रहने पर साफ पानी तक नहीं मिल रहा है। हर दूसरे दिन बदबूदार पानी की आपूर्ति हो रही है। लोग काफी परेशान हैं। जल बोर्ड से भी कई बार शिकायत की है, लेकिन समस्या हल करने का सिर्फ आश्वासन ही मिलता है।
- नरेंद्र मित्तल, प्रधान, आरडब्ल्यूए
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