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    AIIMS Ransomware Attack: रैनसमवेयर अटैक के चौथे दिन भी एम्स की डिजिटल सेवाएं रही ठप, 35 प्रतिशत कम हुई जांच

    By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Pradeep Kumar Chauhan
    Updated: Sat, 26 Nov 2022 05:56 PM (IST)

    AIIMS Ransomware Attack 23 नवंबर की सुबह एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक हुआ था। इस वजह से आनलाइन ओपीडी पंजीकरण व जांच के लिए बार कोड जनरेट नहीं हो पा रहा है। मरीजों को भर्ती प्रक्रिया भी आनलाइन नहीं हो पा रही है।

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    AIIMS Ransomware Attack: एम्स के सर्वर को ठीक होने में अभी लंबा समय लगेगा।

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। AIIMS Ransomware Attack: एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक के चौथे दिन भी अस्पताल की डिजिटल सेवाएं ठप रही। इस वजह से अभी ओपीडी, इमरजेंसी व वार्ड में मैनुअल तरीके से ही मरीजों की जांच और इलाज हो पा रहा है। इससे मरीजों को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एम्स के सर्वर को ठीक होने में अभी लंबा समय लगेगा।

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    इस वजह से अस्थायी तौर पर वैकल्पिक सर्वर तैयार कर सोमवार से एम्स की डिजिटल सेवाएं बहाल करने में एनआइसी (नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर), इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आइएन) व सीडैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) की टीम लगी हुई है।

    मरीजों को भर्ती प्रक्रिया भी आनलाइन नहीं 

    एम्स के अनुसार अस्पताल की डिजिटल सेवाएं एक साथ नहीं बल्कि उसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। सबसे पहले इमरजेंसी, स्मार्ट लैब, नए ओपीडी ब्लाक व आइपीडी में आनलाइन सुविधाएं शुरू की जाएंगी। इसके बाद एम्स के अन्य सेंटरों की डिजिटल सेवाएं शुरू होंगी। 23 नवंबर की सुबह एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक हुआ था। इस वजह से आनलाइन ओपीडी पंजीकरण व जांच के लिए बार कोड जनरेट नहीं हो पा रहा है। मरीजों को भर्ती प्रक्रिया भी आनलाइन नहीं हो पा रही है।

    करीब 35 प्रतिशत कम हो गई है जांच

    मैनुअल पंजीकरण मरीजों के सैंपल की जांच हो रही है। लेकिन आनलाइन सेवा प्रभावित होने से जांच करीब 35 प्रतिशत कम हो गई। जांच मिलने में भी देरी हो रही है।

    पांच हजार में से अभी 400 कंप्यूटर हुआ है स्कैन

    रैनसमवेयर अटैक के बाद एम्स में लगे हर कंप्यूटर सिस्टम को स्कैन किया जा रहा है। एम्स में करीब पांच हजार कंप्यूटर है। जिसमें से शुक्रवार शाम तक करीब 400 कंप्यूटर स्कैन हो पाया है। इसके अलावा एम्स में अलग-अगल 50 सर्वर है, जिसमें से 15 सर्वर को स्कैन किया जा सका है। ऐसे में अन्य करीब 4600 कंप्यूटर सिस्टम और 35 सर्वर को कैन कर डाटा सुरक्षित करने में करीब एक माह तक का समय लग सकता है। इस वजह से अस्थायी वैकल्पिक सर्वर तैयार कर चिकित्सा सुविधाओं से जुड़ी डिजिटल सेवाओं को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।

    साइबर आतंकवाद के एंगल से मामले की जांच में जुटी एनआइए

    उल्लेखनीय है कि एम्स के सर्वर पर रैनसमवेयर अटैक के मामले में उगाही के साथ-साथ साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज हुआ है। सूत्रों के अनुसार साइबर आतंकवाद के एंगल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) जांच कर रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह रैनसमवेयर अटैक किस देश से हुआ है।

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