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    दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया स्वाध्याय भवन का उद्घाटन, शिक्षा में AI पर दिया जोर

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 12:09 AM (IST)

    केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के पूर्वी क्षेत्रीय केंद्र स्वाध्याय भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर जोर दिया जिससे क्षेत्रीय भाषाओं में सीखने में मदद मिलेगी। मंत्री ने उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने की बात कही और दिल्ली को 2037 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा।

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    दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया स्वाध्याय भवन का उद्घाटन। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को ताहिरपुर स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के पूर्वी क्षेत्रीय केंद्र, सात मंजिला "स्वाध्याय भवन" का उद्घाटन किया। उन्होंने शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल की जरूरत बताई। इससे भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में सीखने में आसानी होती है। विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए यह जरूरी है।

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    उन्होंने आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर वी. कामकोटि का उदाहरण देते हुए बताया कि वह अंग्रेजी में पढ़ाते हैं, लेकिन एआई की मदद से उनका ज्ञान विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में छात्रों तक पहुंचता है। इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य भी पूरे होते हैं। छात्र अपनी भाषा में विषय को बेहतर ढंग से समझते हैं।

    उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय को भी इसी तरह की पहल कर शिक्षा को आसान बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। प्रधान ने कहा कि दिल्ली में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 59 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की जरूरत है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत के विकास का संकल्प लिया है। लेकिन देश की राजधानी को 2037 तक एक विकसित और अनुकरणीय राष्ट्र बनना होगा। कार्यबल कुशल होना चाहिए, और यह डीयू केंद्र इस प्रयास में सहायक होगा। ए-1बी वीज़ा शुल्क वृद्धि के बारे में, शिक्षा मंत्री ने कहा कि घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।

    दुनिया को भारत के युवाओं की ज़रूरत है। भारत के बिना, दुनिया के चिकित्सा और सेवा क्षेत्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि स्वाध्याय भवन की सुविधाएँ इस बात का प्रमाण हैं कि एसओएल दूरस्थ शिक्षा के छात्रों को नियमित कॉलेजों के समान सर्वोत्तम संसाधन प्रदान कर रहा है। दिल्ली सरकार एसओएल के पश्चिमी और अन्य परिसरों को खोलने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने केंद्र को अवसरों का द्वार बताया।

    पूर्वोत्तर दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि केंद्र की स्थापना गर्व की बात है। यह केंद्र प्रधानमंत्री के "सबका साथ, सबका विकास" के दृष्टिकोण का प्रतीक है।

    ... तकनीक के माध्यम से, छात्रों के घरों तक दूरस्थ शिक्षा पहुँचाई जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें सिर्फ़ कक्षा में पढ़ाई के वीडियो बनाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। अब समय आ गया है कि हम ग्राफ़िक्स और गहन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए छोटे, 10 मिनट के वीडियो बनाएँ।

    विज्ञापन फ़िल्मों के ज़रिए, कम समय में छात्रों तक ज़्यादा जानकारी पहुँचाई जानी चाहिए। एसओएल निदेशक, प्रोफ़ेसर पायल मागो ने बताया कि 2,100 वर्ग मीटर में फैले इस केंद्र का निर्माण ₹55 करोड़ (करीब 1.5 अरब डॉलर) की लागत से हुआ है। इसमें 500 छात्रों की क्षमता वाली एक कंप्यूटर लैब, 15 कक्षाएँ, एक मनोविज्ञान प्रयोगशाला और कई अन्य आधुनिक सुविधाएँ हैं।