Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में लोगों को ट्रैफिक जाम से कैसे मिलेगी राहत? सामने आई बड़ी वजह

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 05:09 PM (IST)

    दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों ने केंद्र सरकार से टोल टैक्स के साथ ग्रीन टैक्स हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान व्यवस्था से भ्रष्टाचार और जाम बढ़ रहा है जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। प्रतिदिन 50000 से अधिक व्यावसायिक वाहन दिल्ली में प्रवेश करते हैं और पर्यटन वाहनों से भी टैक्स वसूला जाता है जिससे पर्यटकों को असुविधा होती है।

    Hero Image
    दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि वर्तमान व्यवस्था से भ्रष्टाचार और जाम बढ़ रहा है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिल्ली से एमसीडी टोल हटाने के सुझाव के बीच ट्रांसपोर्टरों ने न केवल टोल बल्कि ग्रीन टैक्स भी हटाने की मांग की है। ट्रांसपोर्टरों ने इसके लिए केंद्र और दिल्ली सरकार के साथ-साथ एमसीडी को भी अनुरोध पत्र भेजा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर के अनुसार, यह व्यापार सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ ट्रैफिक जाम और पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। परिचालन लागत और घंटों में भी बढ़ोतरी हो रही है।

    उनके अनुसार, दिल्ली में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक व्यावसायिक वाहन आते हैं, जिनसे ये टैक्स वसूला जाता है। जिसके कारण दिल्ली की सीमा पर लंबा जाम लग जाता है। जिससे आम यात्रियों को भी परेशानी होती है।

    टोल के साथ-साथ उन्होंने ग्रीन टैक्स हटाने की भी मांग करते हुए कहा कि केवल टोल हटाने से जाम की समस्या से राहत नहीं मिलेगी। बल्कि, इसके लिए एनजीटी के आदेश पर व्यावसायिक वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूलने की प्रक्रिया को भी समाप्त करना होगा। ताकि, इसकी वजह से जाम न लगे।

    व्यावसायिक वाहनों की तरह, पर्यटन क्षेत्र से लगभग 50 हज़ार टैक्सियाँ, टेम्पो ट्रैवलर और बसें भी आती-जाती हैं। इनसे भी टोल टैक्स वसूला जाता है। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट के अनुसार, इस वसूली प्रक्रिया से पर्यटकों को काफी परेशानी होती है।

    दरअसल, आरएफआईडी से मनमाने ढंग से टैक्स शुल्क काटने की शिकायतें आ रही हैं, जिन्हें तुरंत दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हाल ही में इस संबंध में केंद्र और राज्य के साथ-साथ एमसीडी को भी पत्र लिखा गया है।