कागजात का गलत इस्तेमाल कर लिया GSTजीएसटी नंबर, फिर 12 करोड़ रुपये का कर लिया व्यापार
बाहरी दिल्ली में एक डिलीवरी ब्वॉय के पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल कर 12 करोड़ का फर्जी व्यापार किया गया। पीड़ित को इसका पता तब चला जब उसने अकाउंटेंट से टीडीएस की जानकारी ली। उसने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीए ने दस्तावेज देते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। एक डिलीवरी ब्वाय के पैन कार्ड समेत अन्य कागजात का गलत इस्तेमाल कर पहले ठगों ने एक फार्म के नाम पर जीएसटी नंबर लिया। जिसपर करीब 12 करोड़ रुपये का व्यापार कर लिया । पीड़ित को इस ठगी का पता तब चला, जब वह किसी अकाउंटेंट के पास पैन नंबर से टीडीएस की जानकारी लेने पहुंचा।
तभी उकाउंटेंट ने उसके पैन नंबर से जारी जीएसटी पर भारी-भरकम टर्न ओवर की जानकारी दी। तभी पीड़ित काफी घबरा गया। तुरंत पीड़ित ने उत्तरी-पश्चिमी जिला के साइबर पुलिस थाने में आनलाइन अपनी शिकायत दर्ज कराई है। इस पूरे मामले में पुलिस शिकायत के आधार पर पुलिस जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित विशाल अपने परिवार के साथ लाल बाग इलाके में रहता है, जो एक कंपनी में डिलीवरी ब्वाय का काम करता है। विशाल ने बताया कि इस काम से वह महीने का 20 से 25 हजार रुपये महीना कमाते हैं। कुल कमाई का 10 फीसदी टीडीएस कटने के बाद बाकी रकम उनके बैंक खाते में आता है।
करीब एक वर्ष पूरे होने पर वह किसी अकाउंटेंट के पास टीडीएस की रकम की जानकारी लेने पहुंचे। तभी अकाउंटेंट ने उनसे पैन नंबर मांगा। उकाउंटेंट ने जो उन्हें जानकारी दी, उनका होश उड़ गया। उन्होंनें बताया कि 20 से 25 हजार की नौकरी करने वाला व्यक्ति आखिर 12 करोड़ रुपये का कारोबार कैसे कर सकता है। तुरंत इसकी शिकायत साइबर थाना पुलिस नसे आनलाइन की।
विशाल ने बताया कि आरोपित ने गुरुग्राम के फर्रूख नगर के एक पते पर जीएसटी नंबर 30 नवबंर 2024 को लिया है। जिसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। इस बात की जानकारी मिलते ही विशाल के परिजन भी काफी परेशान हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस से इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है। ताकि आरोपित पकड़ा जाए।
कागजात देते समय बरतें सावधानी
सीए कपिल देव ने बताया कि इस तरह के कई फ्राड के मामले इन दिनों प्रकाश में आ रहे हैं। गलत तरीके से जीएसटी नंबर लेकर व्यापार किया जा रहा है। इसे लेकर फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड , पासबुक का उपयोग किया जाता है। सीए ने कहा कि दस्तावेज देने से पूर्व पूरी सावधानी बरतें। जांच-परख कर ही अपना दस्तावेज दें।
उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इस तरह का मामला आता है तो संबंधित पदाधिकारी से मुलाकात कर आवेदन दें। साथ ही साइबर थाना को भी इसकी सूचना दें। जीएसटी नंबर पर गलत तरीके से बिल काटना शुरू कर देते हैं। लाखों, करोड़ों की ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
कई बार अपराधी कई एजेंसियों के साथ सांठ-गांठ करके इन दस्तावेजों से फर्जी बैंक खाते खुलवा लेते हैं, जीएसटी नंबर भी ले लेते हैं। कई बार हम किसी को भी बिना सोचे-समझे अपने कागजात दे देते हैं। इससे बचाना चाहिए।
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