दिल्ली के शौनक सेन ने कान फिल्म महोत्सव में मचाई धूूम, डाक्यूमेंट्री ने जीता गोल्डन आइ पुरस्कार
आल दैट ब्रीद्स की कहानी दिल्ली के वजीराबाद में रहने वाले दो भाइयों मोहम्मद सऊद और नदीम शहजाद पर केंद्रित है। ये दोनों भाई दिल्ली में एक पक्षी अस्पताल चलाते हैं। यह अस्पताल घायल चीलों को बचाने के लिए समर्पित है।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली के फिल्म निर्माता शौनक सेन की डाक्यूमेंट्री 'आल दैट ब्रीद्स' ने कान फिल्म महोत्सव में गोल्डन आइ पुरस्कार जीता है। शौनक की इस उपलब्धि से जहां फिल्म जगत से जुड़े कलाकार खुश हैं वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और जामिया के शिक्षक और छात्र भी फूले नहीं समा रहे। शौनक को पढ़ाने वाले शिक्षकों ने कहा कि यह गर्व का विषय है। शौनक की डाक्यूमेंट्री ऑल दैट ब्रीद्स को स्पेशल स्क्रीनिंग श्रेणी में प्रदर्शित किया गया था। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब किसी भारतीय डाक्यूमेंट्री ने यह पुरस्कार जीता है।
भावुक करती कहानी
आल दैट ब्रीद्स की कहानी दिल्ली के वजीराबाद में रहने वाले दो भाइयों मोहम्मद सऊद और नदीम शहजाद पर केंद्रित है। ये दोनों भाई दिल्ली में एक पक्षी अस्पताल चलाते हैं। यह अस्पताल घायल चीलों को बचाने के लिए समर्पित है। दिल्ली केे धुंध भरे आसमान की वजह से दुर्घटना का शिकार होते चीलों की रक्षा करते इन दो भाइयों की कहानी मार्मिक है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे पर्यावरण प्रदूषण चीलों को प्र्रभावित करता है। कैसे वो दिल्ली से दूरी बना रहे हैं। शौनक सेन ने दिल्ली में सोने के लिए जगह की तलाश कर रहे बेघरों पर साल 2016 में एक डाक्यूमेंट्री 'सिटीज ऑफ स्लीप' बनाई थी। इसके बाद सेन ने आल दैट ब्रीद्स बनाया। इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर इस साल जनवरी में सनडांस फिल्म फेस्टिवल में हुआ था, जहां इसने वर्ल्ड सिनेमा डाक्यूमेंट्री श्रेणी में ग्रैंड जूरी पुरस्कार से नवाजा गया था।
शिक्षकों ने जताई खुशी
शौनक नेे डीयू के किरोड़ीमल कालेज से अंग्रेजी आनर्स किया है। इसके बाद शौनक जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एजेके मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर से जुड़े। वर्तमान में शौनक जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कला एवं सौंदर्यशास्त्र स्कूल से पीएचडी कर रहे हैं। प्रसिद्ध अभिनेता एवं किरोड़ीमल कालेज में अंग्रेजी के शिक्षक केवल अरोड़ा ने शौनक सेन को पढ़ाया है। केवल अरोड़ा बताते हैं कि शौनक ने किरोड़ीमल कालेज से अंग्रेजी आनर्स की पढ़ाई की है।
शौनक का दाखिला भी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी कोटे के तहत ड्रामा कोटे से हुआ था। बकौल केवल अरोड़ा, यह गर्व का विषय है। शौनक कालेज की थियेटर सोसाइटी द प्लेयर से भी जुड़े थे। यही नहीं 'आल दैट ब्रीद्स' से जुड़े करीब चार कलाकार भी कालेज की थियेटर सोसायटी से ही जुड़े हैं। जेएनयू के शिक्षकों ने भी शौनक सेन की उपलब्धि पर खुशी जताई। छात्रों ने कहा कि यह जेएनयू के लिए बड़ी उपलब्धि है। एक दिन पूर्व ही जेएनयू की पूर्व छात्रा गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास को बुकर पुरस्कार मिला है।