बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव को बड़ा झटका, चेक बाउंस मामले में 6 महीने की हुई जेल
कोर्ट ने राजपाल यादव को प्रति चेक 1.6 करोड़ रुपये का हर्जाना भी देने का भी निर्देश भी दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। चेक बाउंस मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सोमवार को बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव को छह माह की जेल की सजा सुना दी है। हालांकि, कोर्ट ने बाद में साढ़े तीन लाख रुपये के निजी मुचलके पर राजपाल को जमानत भी दे दी।
पत्नी राधा को मिली राहत
उन पर आरोप था कि राजपाल यादव के सात चेक बाउंस हो गए थे। इसपर अदालत ने प्रति चेक 1.6 करोड़ रुपये हर्जाना शिकायतकर्ता को देने के भी आदेश राजपाल यादव को दिए हैं। वहीं उनकी पत्नी राधा को भी दस लाख रुपये हर्जाना भरने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि 20 अप्रैल, 2018 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने राजपाल यादव व उनकी पत्नी राधा राजपाल यादव और उनकी कंपनी को चेक बाउंस के सात मामलों में दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने कहा जब आरोपितों ने खुद इस बात को कबूल किया है कि संबंधित चेक उनके खाते से जुड़े हैं और हस्ताक्षर भी उन्हीं के है, तो शिकायकर्ता को चेक बाउंस का केस करने का अधिकार मिल गया। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोपितों को पैसा उधार दिया था, न कि निवेश के लिए दिया था। शिकायतकर्ता के वकील एसके शर्मा ने राजपाल यादव को कड़ी सजा देने की मांग की थी।
जमानत मिलने के बाद वहां मौजूद मीडिया के सवालों पर राजपाल यादव ने कहा कि वह कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हैं। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट का रुख करेंगे।
बता दें कि राजपाल यादव और उनकी पत्नी राधा राजपाल यादव और उनकी कंपनी के खिलाफ चेक बाउंस के सात मामलों में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक, कुल सात चेक बाउंस हुए हैं। ऐसे में प्रति चेक 1.6 करोड़ रुपये का हर्जाना भी देने का भी निर्देश कोर्ट ने दिया है।
इससे पहले 20 अप्रैल को हुई सुनवाई में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश अमित अरोड़ा ने फिल्म बनाने के नाम पर पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में उन्हें दोषी करार दिया था।
यह है मामला
अप्रैल 2010 में लक्ष्मी नगर स्थित मुरली प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने सात चेक बाउंस की शिकायत प्रीत विहार थाने में दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि राजपाल यादव ने "अता पता लापता' एक फिल्म बनाई थी। फिल्म के लिए उन्होंने करोबारी से पांच करोड़ रुपये उधार लिए थे। 2 नवंबर 2012 को राजपाल की फिल्म भी रिलीज हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने उधार लिए पैसे नहीं चुकाए।
इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कई समन भेजे गए, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट नहीं पहुंचे। इसके साथ ही राजपाल के वकील ने भी कोर्ट में गलत हलफनामा पेश किया था। इस कारण कोर्ट उनसे काफी नाराज भी हुआ था। इसी मामले को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2013 में राजपाल यादव को दस दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था।