Delhi Gudiya Case Verdict: दोनों दोषियों को 20-20 साल की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
Delhi Gudiya Case Verdict गुड़िया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दोषियों को 20-20 साल की सजा सुनाई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Gudiya Case Verdict : 15 अप्रैल, 2013 गुड़िया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोषियों मनोज और प्रदीप को 20-20 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार मल्होत्रा ने पॉक्सो एक्ट-6 के तहत दोषियों को ये सजा सुनाई है। अदालत ने ये जुर्माना पीड़िता को देने को कहा है।
बचपन बचाओ आंदोलन संस्था की ओर से पीड़िता का केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए थी। साथ ही, पीड़िता को 25 लाख रुपए तक मुआवजा मिलना चाहिए था। इसलिए इस फैसले को हम ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।
बता दें कि पीड़िता का केस लड़ने वाली संस्था बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने की बहस की और दोषियों के लिए उम्रकैद की सजा की मांग की थी। इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 7 साल पुराने दिल्ली के गुड़िया सामूहिक दुष्कर्म में दो आरोपियों मनोज और प्रदीप को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने मनोज और प्रदीप को अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। इसमें दोनों दोषियों को उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकती है।
दोषी करार देते हुए कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
पिछली सुनवाई में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मनोज व प्रदीप को दोषी करार देते हुए सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था- 'गुड़िया के साथ सामूहिक दुष्कर्म बेहद गंभीर मामला है। मासूम ने जो हैवानियत सही उसने समाज की अंतरआत्मा को झकझोर दिया। हिंदुस्तान में तो छोटी बच्चियों को देवी की तरह पूजते हैं, लेकिन दुष्कर्मियों ने तो क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।'
यह था पूरा मामला
घटनाक्रम के मुताबिक, 15, अप्रैल, 2013 को पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में मनोज और प्रदीप ने पड़ोस में रहने वाली बच्ची गुड़िया का अपहरण किया। इसके बाद दोनों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, दरिंदगी की हद पार करते हुए उसके शरीर को मोमबत्ती और बोतल जैसी चीजों का इस्तेमाल करके उसे बुरी तरह जख्मी हालत में छोड़ दिया था, ताकि वह मर जाए। इसके बाद उसे अकेले कमरे में छोड़कर मनोज और प्रदीप भाग गए थे। वहीं, दो दिन की खोजबीन के बाद बच्ची गुड़िया कमरे में बेहोश मिली। इसके बाद उसे गंभीर हालत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute Of Medical Science) में भर्ती कराया गया था। यहां पर लंबे इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार आया था।