बाघिन अदिति के पांच शावकों की मौत, दिल्ली चिड़ियाघर की संरक्षण योजना पर उठे सवाल
दिल्ली चिड़ियाघर में बाघिन अदिति के छह शावकों में से पांच की मौत हो गई है जिससे चिड़ियाघर प्रबंधन की संरक्षण योजना पर सवाल उठ रहे हैं। शावकों ने जन्म के बाद दूध पीना छोड़ दिया था और उनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए। इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस घटना ने बाघ संरक्षण के प्रयासों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में 18 साल बाद आई खुशी मातम में बदल गई है। सात वर्षीय रायल बंगाल बाघिन अदिति ने चार अगस्त को छह शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से पांच शावकों की मौत हो चुकी है।
चार शावकों की मौत जन्म के कुछ दिन बाद ही हो गई थी, बाकी बचे दो शावकों में से एक शावक ने रविवार दोपहर इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, एक शावक का अभी इलाज चल रहा है।
लगातार हो रही शावकों की मौत ने चिड़ियाघर प्रबंधन की संरक्षण योजना पर सवाल खड़ा कर दिया है।वहीं, चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक जन्म के कुछ दिनों बाद ही शावकों ने दूध पीना बंद कर दिया और उनमें संक्रमण के लक्षण दिखने लगे।
उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन विशेषज्ञों की तमाम कोशिशों के बावजूद एक-एक कर पांच शावकों की मौत हो गई। फिलहाल केवल एक शावक ही जीवित और सामान्य बताया जा रहा है।
चिड़ियाघर निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि 19 और 20 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराए गए शावकों में से एक ने रविवार दोपहर को इलाज के दौरान दम तोड़ा। वहीं, 15 अगस्त को इलाज के लिए अस्पताल में भेजा गया शावक स्वस्थ है।
एक तरफ केंद्र सरकार जहां बाघों के संरक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथाॅरिटी (एनटीसीए) जैसी संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं। वहीं, राजधानी के चिड़ियाघर में इस तरह की घटना बाघ संरक्षण के प्रयासों पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही हैं।
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