Virender Sachdeva के राजनीतिक भविष्य पर जल्द होगा फैसला, BJP प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में ये नाम शामिल
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक से पहले दिल्ली भाजपा को स्थायी मुखिया मिल सकता है। इस पद की दौड़ में आशीष सूद हर्ष मल्होत्रा पवन शर्मा वीरेंद्र गुप्ता और विष्णु मित्तल शामिल हैं। एमसीडी चुनाव हारने के बाद आदेश गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद अब दिल्ली के नेताओं को भी स्थायी मुखिया मिलने की उम्मीद है। नगर निगम की सत्ता हाथ से जाने के बाद पिछले माह आदेश गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष केी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उनकी जगह उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
27 व 28 जनवरी को होगी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक
कार्यकर्ता पिछले लगभग एक माह से स्थायी अध्यक्ष की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। उनका इंतजार जल्द खत्म हो सकता है। 27 व 28 जनवरी को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होनी है। इससे पहले नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम घोषित होने की संभावना है।
लंबे समय बाद किसी पंजाबी को मिली दिल्ली भाजपा की कुर्सी
दिल्ली के कई नेताओं को लगता है कि कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा को स्थायी कर दिया जाएगा। तर्क दिया जा रहा है कि लंबे समय बाद किसी पंजाबी को दिल्ली भाजपा की कुर्सी मिली है। पार्टी अपने परंपरागत समर्थकों को जोड़े रखने के लिए किसी पंजाबी नेता को ही प्रदेश की कमान सौंप सकती है। इससे इनकी दावेदारी को बल मिलता है।
कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद इन्होंने पार्टी को एकजुट करने की पहल करने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) व दिल्ली सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की है। नगर निगम में पार्षदों के शपथ को लेकर हुए विवाद के बाद प्रदेश भाजपा, आप के खिलाफ आक्रामक है। मुख्यमंत्री आवास के बाहर पार्टी ने बड़ा प्रदर्शन किया। उनके सामने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का सफल आयोजन भी एक चुनौती थी जिसमें वह सफल रहे हैं।
अध्यक्ष पद की दौड़ में ये नाम शामिल
जम्मू कश्मीर के सह प्रभारी आशीष सूद प्रदेश अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। प्रदेश में महामंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभाने के साथ कई राज्यों में चुनाव प्रबंधन का लंबा अनुुभव है। प्रदेश महामंत्री व पूर्व महापौर हर्ष मल्होत्रा का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में है। इन पंजाबी नेताओं के साथ ही असम के सह प्रभारी पवन शर्मा अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल बताए जाते हैं। प्रदेश में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही पूर्व विधायक रहे हैं। कार्यकर्ताओं में अच्छी इनकी अच्छी पकड़ है।
वहीं, पार्टी का एक वर्ग किसी वैश्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है। उनका कहना है कि पंजाबी के साथ वैश्य भी भाजपा के परंपरागत समर्थक रहे हैं। भाजपा के इस वोट बैंक में आप सेंध लगा रही है। दिल्ली का कोई वैश्य नेता महत्वपूर्ण पद पर नहीं है। इस स्थिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता, प्रदेश कोषाध्यक्ष विष्णु मित्तल और विधायक अजय महावर में से किसी को प्रदेश भाजपा की कुर्सी मिल सकती है।