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    पिता... मां और बच्चे, एक साथ उठे छह जनाजे... फूट-फूटकर रोए परिजन; ईदगाह का मंजर देख सहम उठा पूरा इलाका

    Updated: Mon, 14 Jul 2025 09:56 AM (IST)

    पूर्वी दिल्ली के वेलकम थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या सात हो गई है। मृतकों में मकान मालिक उनकी पत्नी बेटे बेटी और ढाई साल की नवासी शामिल हैं। पोस्टमार्टम के बाद छह शवों को एक साथ ईदगाह लाया गया जहाँ नमाज के बाद उन्हें कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। हादसे में घायल मतलूब के बेटे परवेज व नावेद फूट-फूट कर रो रहे थे।

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    दिल्ली के वेलकम क्षेत्र में मारे गए मृतकों के फाइल फोटो। जागरण

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। Delhi Welcome Building Collapsed राजधानी दिल्ली के वेलकम थाना क्षेत्र में हुए दर्दनाक हादसे से पूरे इलाके में गम का माहौल है। हादसे के 36 घंटे बाद एक मासूम की भी इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं, हादसे में मरने वालों संख्या सात तक पहुंच गई है।

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    छह जनाजे देख सहम उठा पूरा इलाका

    रविवार दोपहर को पोस्टमार्टम होने के बाद मकान मालिक मतलूब, इनकी पत्नी राबिया, बेटा भूरा व जावेद, बेटी जुबिया और ढाई साल की नवासी फौजिया के शव परिजनों को सौंप दिए गए। इसके बाद दो एंबुलेंस में छह शव वेलकम ईदगाह पहुंचे तो पूरे इलाके में सन्नाटा पसर गया। इस दौरान हर किसी की आंखों में आंसू थे और हर कोई गम में डूबा हुआ था।

    बताया गया कि शवों के पहुंचने से पहले ही वहां स्थानीय लोगों का हुजूम जमा हो गया। यह मंजर देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं। ईदगाह में एकसाथ नमाज हुई। आगे-आगे मतलूब का जनाजा और पीछे पूरे परिवार का जनाजा था।

    हादसे में घायल मतलूब के बेटे परवेज व नावेद फूटकर रो रहे थे। जनता कॉलोनी के लोगों ने कहा कि पहली बार इस तरह का मंजर देखा है। एकसाथ एक ही जगह से छह जनाजे गए हैं। शाम के वक्त सभी को वेलकम के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।

    18 दिन पूरे परिवार के साथ मायके में रुकी थी राबिया

    हादसे में जान गंवाने वाली राबिया के भाई शहजाद ने बताया कि उनकी बहन की शादी को 32 साल हो गए थे। उनकी बहन अपने बच्चों व शादीशुदा लड़कियों के साथ नजीबाबाद में उनके घर बकरीद पर आई थी। पहली बार पूरा परिवार साथ था। शहजाद ने कहा कि 32 साल में यह पहली बार हुआ कि उनकी बहन 18 दिन मायके में रुकी। उन्होंने बताया कि एक साल पहले उन्हें पीलिया हो गया था। उनकी बहन ने उन्हें दिल्ली बुलाकर अपने घर पर रखा और एक अस्पताल में दो माह तक इलाज करवाया था।