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    Delhi Waterlogging: क्या दिल्ली वालों को मानसून में जलभराव से मिलेगी राहत? MCD ने बनाया ये प्लान

    By Nihal Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 15 Apr 2025 07:58 PM (IST)

    दिल्ली में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव को रोकने के लिए एमसीडी आयुक्त ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में नालों की सफाई जलभराव वाले स्थानों पर कर्मचारियों की तैनाती और पंपों के सही समय पर चालू होने जैसी तैयारियों पर चर्चा की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस बार मानसून में दिल्ली वालों को जलभराव से राहत मिले।

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    जलभराव न हो, इसके लिए एमसीडी करेगी पूरी तैयारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव को रोकने के लिए एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने बड़ी बैठक बुलाई है। 17 अप्रैल को निगम मुख्यालय में होने वाली बैठक में मानसून से जुड़ी अभूतपूर्व तैयारियां की जाएंगी।

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    बड़े पैमाने पर मानसून की तैयारी

    पहली बार रखरखाव, भवन, पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं (डीएएमएस), परियोजना विभाग के जूनियर इंजीनियरों से लेकर मुख्य अभियंता तक एक साथ बैठक कर बड़े पैमाने पर मानसून की तैयारी करेंगे। चूंकि बैठक में बड़ी संख्या में निगम अधिकारियों और इंजीनियरों को बुलाया गया है, इसलिए बैठक निगम मुख्यालय के केदारनाथ साहनी सभागार में रखी गई है। जहां नगर आयुक्त के साथ-साथ सभी जोन के उपायुक्त, सहायक आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

    बैठक के एजेंडे के अनुसार, एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नालों की सफाई, जलभराव वाले स्थानों के लिए पर्यवेक्षी कर्मचारियों की तैनाती, नाला बेलदारों और मजदूरों की तैनाती पर चर्चा होगी। साथ ही जलभराव को रोकने की तैयारियों पर भी चर्चा होगी।

    मानसून में जलभराव का ये है कारण

    बारिश के दौरान जलभराव का सबसे बड़ा कारण पंपों का समय पर चालू न हो पाना है। इसलिए बैठक में इस बात की भी समीक्षा की जाएगी कि प्रत्येक पोर्टेबल पंपिंग स्थान पर पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।

    साथ ही इस बात की भी समीक्षा की जाएगी कि इन पंपिंग स्टेशनों पर 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहें। साथ ही, जहां जलभराव के नए स्थान सामने आए हैं और वहां पोर्टेबल पंप नहीं हैं, वहां इन्हें लगाने पर भी चर्चा होगी। नालों की सफाई के साथ ही अधिकारियों को यह जानकारी लाने को कहा गया है कि संपवेल की भी समय पर सफाई होनी चाहिए।

    बैठक के लिए यह भी निर्देश दिए गए हैं कि छोटी कॉलोनियों में भी खुले और ढके हुए नालों की सफाई गहनता से की जाए। इस बारे में डैम विभाग से समन्वय किया जाए। अगर कहीं भी विभागों के बीच गतिरोध है तो क्षेत्रीय उपायुक्त उसका समाधान करें।

    निगम द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर वहां पर जोनल समस्या का समाधान नहीं होता है तो मुख्यालय स्तर के अधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया जाए ताकि समय रहते समस्या का समाधान हो सके। खतरनाक इमारतों के सर्वे के साथ ही उनसे संबंधित शिकायतों का समय रहते समाधान किया जाए ताकि जनहानि न हो।

    निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैसे तो हर साल सभी विभागों की अपनी-अपनी बैठकें होती हैं, लेकिन इस बार हम सभी विभागों को एक साथ लाकर जलभराव रोकने के लिए जागरूक करना चाहते हैं। साथ ही, यह भी प्रयास किया जा रहा है कि सभी मिलकर काम करें और शहर को जलभराव से बचाएं तथा मानसून की तैयारियां पुख्ता रहें। इसी उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गई है।

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