Delhi Water Crisis: दिल्ली में 43 डिग्री के पास पहुंचा पारा, इन इलाकों में पानी की भारी किल्लत
दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पानी की किल्लत बढ़ गई है। देवली संगम विहार और असोला जैसे क्षेत्रों में सरकारी ट्यूबवेल खराब पड़े हैं जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। नियमित जलापूर्ति न होने के कारण लोग निजी टैंकरों से पानी खरीदने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों ने जल बोर्ड से शिकायत की है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। राजधानी में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। लोगों को न घर में सुकून मिल रहा और न बाहर राहत महसूस हो रही है। इस भीषण गर्मी के बीच लोगों को पानी की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है।
कई जगहों पर सरकारी ट्यूबवेलों में से एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। इसको लेकर स्थानीय निवासी दिल्ली जल बोर्ड सहित जनप्रतिनिधियों से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
दक्षिणी दिल्ली में देवली, संगम विहार और असोला गांव सहित कई जगहों पर सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। इनके खराब होने के बाद संबंधित विभाग ने अधिकारियों ने एक बार भी इन्हें ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई।
इन खराब ट्यूबवेलों को लेकर स्थानीय लोगों ने गर्मी शुरू होते ही शिकायत करनी शुरू कर दी थी। जबकि इन क्षेत्रों में नियमित पानी के पाइपलाइन भी नहीं हैं। इससे पानी की नियमित आपूर्ति भी नहीं है। ऐसे में उन्हें मजबूरी में निजी टैंकर खरीदकर पानी की पूर्ति करनी पड़ रही है।
कई महीनों से खराब ट्यूबवेल, नहीं मिल रहा एक बूंद पानी
देवली के दुर्गा विहार ट्यूबवेल का मोटर करीब चार महीने पहले खराब हो गया था। इसे आज तक ठीक नहीं किया गया है। जबकि इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति का दूसरा साधन भी नहीं है। इसी तरह देवली में ही लाल डोरा के पास लगा ट्यूबवेल करीब 10 दिन पहले खराब हो गया था।
दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों ने इसके पाइप तो निकाल दिए, लेकिन आज तक इसे दुरुस्त नहीं किया है। ऐसा ही हाल असोला गांव की ट्यूबवेल का है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 2017 से अभी तक लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। यहां भी ट्यूबवेल को शुरू नहीं कराया गया है।
एक से दो हजार रुपये में खरीद रहे टैंकर
इन क्षेत्रों के निवासी पानी की पूर्ति के लिए निजी टैंकर माफिया के भरोसे हैं। वह एक से दो हजार रुपये में पानी का टैंकर खरीद रहे हैं। इसके लिए भी कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है। इसकी क्षमता तीन से चार हजार लीटर होती है। जबकि सरकारी टैंकर तो सप्ताह में एक या दो बार ही आता है। इससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है।
गर्मी शुरू होते ही देवली में पानी की भारी किल्लत शुरू हो जाती है। स्थिति यह है कि कई ट्यूबवेल खराब हो गए हैं। उन्हें ठीक कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे।
सतीश गुप्ता, देवली
असोला गांव में पिछले करीब आठ साल से पानी की किल्लत है। इसको लेकर बार बार अधिकारियों से गुहार लगाई जाती है, लेकिन कोई भी ग्रामीणों की बात सुनने को तैयार नहीं है।
बिजेंद्र शर्मा, असोला
दुर्गा विहार में चार महीने पहले ट्यूबवेल की मोटर फंस गई थी। इसे आज तक ठीक नहीं किया गया है। घर की जरूरतों के लिए महिलाएं दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।
एनएम पुरोहित, देवली
हमने तो अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से पानी की समस्या को लेकर गुहार लगाई है, लेकिन आज तक समाधान नहीं किया गया है। टैंकर खरीदकर गुजारा करना पड़ रहा है।
अतरसिंह, देवली
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