SIR पर गरमाई दिल्ली की सियासत, 23 साल बाद हो रही वोटर लिस्ट की 'जांच', भाजपा ने सराहा और कांग्रेस ने लगाए आरोप
दिल्ली में 23 साल बाद मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण होगा। भाजपा ने इसका स्वागत किया है जबकि कांग्रेस ने इसे वोट चोरी का षड्यंत्र बताया है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस घुसपैठियों को बचा रही है और फर्जी वोट बनवा रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा गरीब लोगों को बाहर करने की साजिश कर रही है और मतदाता सूची से नाम काटने की तैयारी है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में 23 वर्ष के बाद मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) होना है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा ने इसका स्वागत किया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे भाजपा के वोट चोरी के षड्यंत्र को दबाने और दिल्ली में रहने वाले दूसरे राज्यों के गरीब लोगों को यहां से बाहर करने की साजिश बताया है।
फर्जी वोट बनवाने का आरोप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्मतिथि पर बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस घुसपैठियों को बचाने के लिए एसआईआर का विरोध कर रही है। भाजपा मतदाता सूची की शुद्धीकरण का समर्थन करती है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी दिल्ली में एसआइआर की तैयारी का स्वागत किया है। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी पर पिछले कई वर्षों से घुसपैठियों का फर्जी वोट बनवाने का आरोप लगाया।
8 लाख से ज्यादा वोट बढ़ गए
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक ही पते पर पर 100 -100 लोगों के फर्जी वोट बने होने का मामला उजागर किया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में 13 लाख मतदाता बढ़ गए थे। उसी तरह से वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के बाद वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी 8 लाख से ज्यादा वोट बढ़ गए थे।
मतदाताओं को सहयोग करेंगे
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर पर जांच कर 10,000 पेज की शिकायत चुनाव आयोग को दी थी। एसआइआर होने से घुसपैठियों को पहचान करने में मदद मिलेगी। भाजपा कार्यकर्ता इसे सफल बनाने के लिए मतदाताओं को सहयोग करेंगे। दिल्ली की मतदाता सूची में सिर्फ यहां के मतदाताओं का नाम होना चाहिए न कि घुसैपैठियों का व फर्जी मतदाताओं का।
सूची का मिलान
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र ने कहा, पिछले कई लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भाजपा ने वोट चोरी की है। एसआईआर भाजपा की वोट चोरी में मदद करने का साधन नहीं बनना चाहिए। वर्ष 2002 में दिल्ली की जनसंख्या सिर्फ 1.39 करोड़ थी और वर्ष 2025 में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या 1.55 करोड़ है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बताना चाहिए कि उनके पास ऐसा कौनसा फार्मूला है जिससे 2002 की मतदाता सूची के साथ 2025 की मतदाता सूची का मिलान करके एसआईआर होगा।
नाम हटाने या जोड़ने की तैयारी
उन्होंने कहा, वर्ष 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार है। इस कारण मतदाता सूची में नाम काटने और शामिल करने के लिए भाजपा जिम्मेदार है न कि कांग्रेस। मतदाताओं से लुभावने वादे करके सत्ता में आई भाजपा अब अपने वोट आधार को मजबूत करने के लिए मतदाता सूची से नाम हटाने या जोड़ने के लिए जमीन तैयार कर रही है।
पहचानपत्र को नहीं माना गया
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम काटने की शिकायत चुनाव आयोग से की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।दिल्ली में बड़ी संख्या में झुग्गियां तोड़ी गई हैं। उन्हें झुग्गीवासियों के किसी पहचानपत्र को नहीं माना गया था। अब उनका नाम मतदाता सूची से बाहर करने की तैयारी की जा रही है।
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