Delhi Violence: यतेंद्र का छलका दर्द- ' लुट गया सबकुछ, 3 रुपये बचे हैं, 1 रोटी भी न मिलेगी हुजूर'
Delhi Violence यतेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि दंगाइयों ने इनके मकान और दुकान में आग लगा दी। सबकुछ जलकर खाक हो गया है। घर से एक पर्स मिला है जिमसें सिर्फ 3 रुपये मिले हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Violence: नाकरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध और समर्थन के बीच सोमवार और मंगलवार को दिनभर हुई हिंसा ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के सैकड़ों परिवार को ऐसा दर्द दिया, जो ताउम्र उन्हें सालता रहेगा। किसी ने बेटा खोया तो किसी बाप तो कोई अपनी जीवन भर की पूरी जमा पूंजी ही एक पल में गंवा बैठा।
इन्हीं में से एक यतेंद्र कुमार शर्मा। जिन्होंने हिंसा के दौरान हुई लूटपाट में पूरी जमा पूंजी गंवा दी। लुटेरे-दंगाई उनका सबकुछ लूटकर ले गए उनके पास अब बचे हैं सिर्फ 3 रुपये। दरअसल, यतेंद्र कुमार शर्मा की स्टेशनरी की दुकान है और उसके बराबर में ही उनका मकान भी है।
परिवार में पत्नी कुसुम शर्मा है। यतेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि मंगलवार को दंगाइयों ने इनके मकान और दुकान में आग लगा दी। सबकुछ जलकर खाक हो गया है। घर से एक पर्स मिला है, जिमसें सिर्फ 3 रुपये मिले हैं। आग लगने से पहले ही यतेंद्र अपनी पत्नी को लेकर शिव विहार में एक रिश्तेदार के घर चले गए थे। यतेंद्र का का कहना है इस तीन रुपये में एक वक्त की रोटी भी नहीं आएगी।
बता दें कि सोमवार और मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बुधवार को इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई हैं। हिंसा में न तो बच्चों को बख्शा गया और न बुजुर्गों और महिलाओं को। एक सरकार कर्मचारी को तो मारकर उसका शव नाले में फेंक दिया गया।
एक की जान जाने से शुरू हुआ सिलसिला अब 20 को भी पार कर गया है और अब भी 200 से अधिक घायल लोग विभिन्न अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं। अकेले पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 21 लोगों की मौत की पुष्टि हुई हैं, सभी घायल अवस्था में लाए गए, लेकिन फिर जिंदगा उनसे धीरे-धीरे दूर होती गई।