Delhi University: पांच वर्षीय Law कोर्स की फीस में EWS छात्रों को 90 फीसदी तक छूट देगा दिल्ली विश्वविद्यालय
Delhi University विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 17 अगस्त 2023 को आयोजित हुई बैठक में की गई सिफारिशों पर भी विचार के बाद स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय के गैर-लेखापरीक्षित वार्षिक खातों हाल और छात्रावास भविष्य निधि व राष्ट्रीय पेंशन योजना को स्वीकार करके अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही भवन निर्माण समिति की अनुशंसाओं को भी स्वीकृत प्रदान की गई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में इस सत्र से शुरू हो रहे पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड ला कार्यक्रम में प्रवेश लेने वाले आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को फीस में 90 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। इसके अलावा प्रवेश लेने वाले हर छात्र को लैपटाप के लिए 50 हजार रुपये भी दिए जाएंगे।
यह निर्णय डीयू की कार्यकारी परिषद की 1267 वीं बैठक में शुक्रवार को लिया गया। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अध्यक्षता करते हुए कहा, जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार लाख या उससे कम है, उन्हें फीस में 90 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
जिनके माता-पिता की आय चार से आठ लाख तक है, उन्हें फीस में 50 प्रतिशत छूट है। ला कार्यक्रम के एससी/एसटी और पीडब्ल्यूबीडी विद्यार्थियों के लिए प्रस्तावित पंजीकरण शुल्क को 1200 से घटा कर एक हजार रुपये तय कर दिया गया है। बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 17 अगस्त, 2023 को आयोजित हुई बैठक में की गई सिफारिशों पर भी विचार के बाद स्वीकृति प्रदान की गई।
इसके तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय के गैर-लेखापरीक्षित वार्षिक खातों, हाल और छात्रावास, भविष्य निधि व राष्ट्रीय पेंशन योजना को स्वीकार करके अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही भवन निर्माण समिति की अनुशंसाओं को भी स्वीकृत प्रदान की गई। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुछ विभागों के बजट अनुमानों के संशोधन को भी स्वीकार किया गया।
ग्रेडेड आटोनामी पर हंगामा कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान ग्रेडेड आटोनामी पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि डीयू प्रशासन विश्वविद्यालय को सेल्फ फाइनेंस की ओर धकेल रहा है। हालांकि कुलपति ने साफ किया कि स्नातक और स्नातकोत्तर में कोई भी सेल्फ फाइनेंस कोर्स लागू नहीं किया जा रहा है।
सदस्य प्रो. सीमा दास ने दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कालेजों में गवर्निंग बाडी के गठन की मांग की। मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम में होगा वैदिक गणित मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम (वीएसी) समिति की सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से यूजीसीएफ-2022-23 के तहत वैदिक गणित- III, वैदिक गणित- IV और राष्ट्रीय कैडेट कोर-III मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों को भी लागू किए जाने को स्वीकृत प्रदान की गई।
इनके अतिरिक्त अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए डीयू के रिसर्च एंड डेव्लपमेंट सेल (आरडीसी) की संगठनात्मक संरचना के लिए भी विभिन्न समितियों के गठन को भी अनुशंसित किया गया। फाइन आर्ट्स में भी होगी पीएचडी संगीत एवं ललित कला संकाय द्वारा सत्र 2023-2024 से फाइन आर्ट्स में पीएचडी शुरू करने को भी मंजूरी दी गई।
नियमों के अनुसार कार्यक्रम में बने रहने और शोध प्रबंध/थीसिस जमा करने के लिए पात्र होने के लिए एक पीएचडी स्कालर को पाठ्यक्रम कार्य में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक या 9 क्रेडिट या यूजीसी 7-प्वाइंट स्केल में इसके समकक्ष ग्रेड (या जहां भी ग्रेडिंग प्रणाली का पालन किया जाता है, वहां प्वाइंट स्केल में समकक्ष ग्रेड/सीजीपीए) प्राप्त करना होता है।
प्रति क्रेडिट शिक्षण कार्य चार घंटे का है। 76 सीटों के साथ शुरू होगा एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स कामर्स विभाग में शुरू किया जा रहा नया प्रोग्राम एमबीए (बिजनेस एनालिटिक्स) 76 सीटों के साथ शुरू होगा। इनमें 40.50 प्रतिशत अनारक्षित, 27 प्रतिशत ओबीसी, 15 प्रतिशत एससी, 7.5 प्रतिशत एसटी और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे को मिलकर कुल 60 सीटें होंगी।
इनके अलावा सुपरन्यूमैरेरी कोटे के तहत 5 प्रतिशत सीडब्ल्यू , 5 प्रतिशत पीडब्ल्यूबीडी और विदेशी विद्यार्थियों के लिए 10 प्रतिशत कोटा होगा। विश्वविद्यालय के नियम और गाइडलाइन्स के अनुसार 4 सीटें पीजी वार्ड कोटा के तहत होंगी जिनमें 2 शैक्षणिक और 2 गैर शैक्षणिक के लिए रहेंगी।
इस प्रकार कुल 76 सीटें इस प्रोग्राम में रखी गई हैं। इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्यूनिटी आउटरीच यूजीसीएफ 2022 के तहत सेमेस्टर 3 से 6 तक लागू इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्युनिटी आउटरीच के दिशानिर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत अप्रेंटिसशिप/इंटर्नशिप शुरू करने से पहले कालेज को विषय विशिष्ट वाणिज्यिक और गैर-व्यावसायिक संगठनों या उद्यमों और उद्योग के साथ एक पूर्व एमओयू साइन किया होना चाहिए।
उपलब्ध सुविधा और बुनियादी ढांचे के अनुसार कालेज अप्रेंटिसशिप/इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या तय कर सकता है। एसईसी की तरह, किसी भी विभाग/प्रोग्राम का कोई भी विद्यार्थी किसी भी प्रस्तावित आईएसी का विकल्प चुन सकता है। आईएसी की प्रत्येक श्रेणी एसईसी की तरह दो क्रेडिट के बराबर होगी।
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