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    ये है हर छात्रा का अधिकार... NSUI ने पंजाब के बाद अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी लागू करने की उठाई आवाज

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 07:04 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय में एनएसयूआई ने छात्राओं के लिए 12 दिन के मासिक धर्म अवकाश की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि यह छात्राओं का अधिकार है जो कई देशों में पहले से लागू है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वास्थ्य छात्राओं की शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है इसलिए उचित अवकाश मिलना चाहिए।

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    एनएसयूआई की ओर से मांग पूरी करने के लिए किया गया प्रदर्शन। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए प्रति सेमेस्टर 12 दिन मासिक धर्म अवकाश लागू करने की मांग को लेकर बुधवार को नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने आर्ट फैकल्टी परिसर में व्यापक प्रदर्शन किया।

    सैकड़ों छात्र-छात्राओं की मौजूदगी में यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित हुआ। इस दौरान पुलिस बल की भी भारी तैनाती रही।प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि बारह दिन का मासिक धर्म अवकाश हर छात्रा का अधिकार है।

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    दुनिया के कई देशों और भारत के कई विश्वविद्यालयों में यह प्रविधान पहले से लागू है। एनएसयूआई ने पंजाब विश्वविद्यालय में भी इसके लिए संघर्ष किया था और अब हम दिल्ली विश्वविद्यालय में भी इसे लागू कराने तक आंदोलन जारी रखेंगे।

    उन्होंने कहा, मासिक धर्म स्वास्थ्य सीधे तौर पर छात्राओं की शैक्षणिक उपलब्धि, मानसिक स्वास्थ्य और कैंपस गतिविधियों में भागीदारी को प्रभावित करता है। उचित अवकाश न मिलने से कई छात्राओं को शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।

    उन्हें कक्षाओं में उपस्थित होना पड़ता है या फिर उपस्थिति के नियम पूरे करने के लिए स्वास्थ्य से समझौता करना पड़ता है। संगठन का तर्क है कि एक संवेदनशील और लैंगिक-न्यायसंगत नीति न केवल छात्राओं के स्वास्थ्य अधिकार को मान्यता देगी, बल्कि उच्च शिक्षा के माहौल को भी अधिक समावेशी बनाएगी।

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