इस बार DUSU चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतदाता, मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती; किसका पलड़ा होगा भारी?
इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहा है क्योंकि मतदाताओं की संख्या 2.75 लाख से अधिक हो गई है। चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के कारण चौथे वर्ष के छात्र भी मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। हालांकि मतदान प्रतिशत बढ़ाना एक चुनौती है क्योंकि पिछले दस वर्षों में यह कभी 50% से अधिक नहीं रहा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इस साल होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाले हैं। पहली बार मतदाताओं की संख्या 2.75 लाख के पार पहुंच गई है। विश्वविद्यालय ने इस साल चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) शुरू किया है, जिसमें चौथे वर्ष के छात्रों को भी मतदाता सूची में जोड़ा गया है। अब तक डूसू चुनावों में इतनी बड़ी संख्या में मतदाता कभी पंजीकृत नहीं हुए थे। यह आंकड़ा हमेशा 1,50,000 के आसपास रहा है।
मतदाताओं की संख्या में यह अभूतपूर्व वृद्धि लोकतांत्रिक भागीदारी का एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती मतदान प्रतिशत बढ़ाना होगा। पिछले एक दशक के आंकड़े बताते हैं कि छात्र नामांकन और चुनाव गतिविधियों में उत्साह से भाग लेते हैं, लेकिन मतदान के मामले में उदासीनता बनी रहती है।
पिछले 10 वर्षों, 2015 से 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि डूसू चुनावों में मतदान प्रतिशत एक बार भी 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हुआ है। 2018 में सबसे ज़्यादा 44.5 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2024 में यह आँकड़ा घटकर सिर्फ़ 29.7 प्रतिशत रह गया, जो पिछले दस सालों में सबसे कम है।
इसलिए, इस साल उम्मीद है कि ज़्यादा छात्र वोट डालने आएँगे और मतदान 50 प्रतिशत से ज़्यादा होगा। इसी मद्देनज़र, कॉलेजों ने कक्षाएं स्थगित करने का नोटिस जारी किया है और छात्रों से चुनाव में हिस्सा लेने की अपील की है।
कई कॉलेजों के वरिष्ठ प्रोफेसरों ने वीडियो संदेश जारी कर छात्रों से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है। इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्रों से छात्र संघ चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील की है। एबीवीपी के प्रदेश सचिव सार्थक शर्मा ने कहा, "डूसू चुनाव छात्रों के लिए एक उत्सव है। हम सभी छात्रों से अपील करते हैं कि वे शत-प्रतिशत मतदान करके इस उत्सव को सफल बनाएं।"
आंकड़े क्या कहते हैं
वर्ष | मतदान |
---|---|
2015 | 43.3% |
2016 | 36% |
2017 | 43% |
2018 | 44.5% |
2019 | 39.9% |
2023 | 42% |
2024 | 29.7% |
नोट: कोविड-19 महामारी और प्रशासनिक कारणों से 2020, 2021 और 2022 में डूसू चुनाव नहीं हुए।
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