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    नॉर्थ कैंपस में अतिरिक्त सीटें नहीं देगा DU, भाषा कोर्स को बढ़ावा देने के लिए बढ़ाई जाएंगी 50 प्रतिशत सीट

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 07:40 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में इस साल अतिरिक्त सीटों का आवंटन नहीं होगा केवल भाषा के कोर्स में 50% अतिरिक्त आवंटन होगा। साउथ और अन्य कैंपस के कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें मिलेंगी। इवनिंग कॉलेजों में सामान्य वर्ग के लिए 80% तक अतिरिक्त आवंटन होगा जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 100% तक। डीयू ने 39 कॉलेजों को चिह्नित किया है जहाँ छात्रों को प्रवेश का अवसर मिलेगा।

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    डीयू नार्थ कैंपस में नहीं देगा अतिरिक्त सीटों पर आवंटन।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में इस साल अतिरिक्त सीटों के आवंटन नहीं किए जाएंगे।

    साउथ कैंपस और ईस्ट, वेस्ट और आउटर के काॅलेजों में ही अलग-अलग कोर्सों में अतिरिक्त सीटों के आवंटन होंगे।

    नोर्थ कैंपस में सिर्फ इंद्रप्रस्थ काॅलेज ऑफ वुमेन में अतिरिक्त सीट आवंटन होगा। इसके अलावा भाषाओं के कोर्स में अतिरिक्त सीट आवंटन दिया जाएगा।

    परीक्षा शाखा की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

    डीन ऑफ एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने बताया कि हाल में प्राचार्यों की एसोसिएशन के साथ परीक्षा शाखा ने बैठक की थी। इसमें अतिरिक्त सीट आवंटन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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    इसमें तय किया गया है कि नार्थ कैंपस के काॅलेज जैसे हिंदू, मिरांडा, श्रीराम काॅलेज ऑफ काॅमर्स, हंसराज, किरोड़ीमल आदि में अतिरिक्त सीट आवंटन नहीं किया जाएगा।

    इनमें चलने वाले भाषाओं के विषयों में, जिनमें सीटें खाली रह जाती हैं, 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त सीटों का आवंटन दिया जाएगा। सर्वाधिक सीटों पर आवंटन ईवनिंग काॅलेजों में दिया जा रहा है।

    ईवनिंग काॅलेजों में सामान्य, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी की सीटों पर 80 प्रतिशत तक अतिरिक्त आवंटन दिया जाएगा।

    इनमें अदिति, भगिनी निवेदिता, श्रद्धानंद जैसे काॅलेजों में भी 80 प्रतिशत सीटों पर अतिरिक्त आवंटन दिया जाएगा। इनमें अधिकतर समय सीटें खाली रह जाती हैं।

    कुछ कॉलेजों की एससी-एसटी सीटों पर 100 प्रतिशत आवंटन

    ईवनिंग और कुछ चुनिंदा काॅलेजों में एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी की सीटों पर 100 प्रतिशत तक अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।

    विश्वविद्यालय की ओर से राजधानी, शिवाजी, अरविंदो, देशबंधु, दयाल सिंह समेत 39 काॅलेजों को चिह्नित किया है।

    इन काॅलेजों में छात्रों के लिए प्रवेश का मौका बनेगा। यहां इकाॅनमिक्स ऑनर्स, पाॅलिटिकल साइंस और इंग्लिश ऑनर्स जैसे विषयों में 20 प्रतिशत सीटों पर अतिरिक्त सीटें आवंटित की जाएंगी।

    इन काॅलेजों में अन्य विषयों के लिए सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस में 30 से 35 प्रतिशत तक अतिरिक्त सीटों का आवंटन किया जाएगा।

    एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी की सीटों पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें दी जाएंगी। भाषाओं के कोर्स में भी 50 प्रतिशत तक सीटें अतिरिक्त दी जाएंगी।

    एक काॅलेज के प्राचार्य ने बताया कि नाॅर्थ कैंपस को छोड़कर बाहर के काॅलेजों में हिंदी, संस्कृत जैसे भाषाई कोर्सों में हर वर्ष सीटें खाली रह जाती हैं। इसलिए इन कोर्स में 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है।

    चौथे साल को देखते हुए बदली रणनीति

    डीयू ने पिछले साल हर काॅलेज में पांच प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त सीटों का आवंटन दिया गया था। लेकिन, इस सत्र से डीयू में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के तहत चौथे वर्ष की कक्षाएं शुरू हो रहीं हैं।

    इनमें 60 प्रतिशत तक छात्र प्रवेश ले रहे हैं, इसलिए कालेज व कोर्स के हिसाब से डीयू ने अतिरिक्त सीट आवंटन देने की रणनीति अपनाई है।

    छात्रों को पढ़ने को जगह भी मिल सके और काॅलेजों में सीटें भी भर सकें। इसलिए नाॅर्थ कैंपस के काॅलेजों में अतिरिक्त सीट आवंटन नहीं दिया जा रहा है।

    इसके अलावा इन काॅलेजों में सीटें भर जाती हैं, लेकिन नाॅर्थ कैंपस के बाहर छात्र प्रवेश में रुचि नहीं लेते। इसलिए भी ऐसा कदम उठाया गया है। जिससे छात्र ड्राॅप आउट भी हों, तो जितनी सीटें हैं, उतनी भरी रहें।

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