Delhi News: आगरा नहर में डूबे भतीजे को बचाने पहुंचा चाचा भी डूबा, 36 घंटे के बाद भी नहीं पता लगा
नहर के किनारे खेल रहा यश जैसे ही हाथ धोने लगा तो उसका पैर फिसल गया और वह नहर में डूबने लगा। मौके पर मौजूद आदर्श ने यश के डूबने पर शोर मचा दिया। वहां से गुजर रहे उसके चाचा सचिन पासवान उसको बचाने के लिए कनैल में कूद गया लेकिन दोनों चाचा-भतीजा कनैल में डूब गए। काफी तलाशी के बाद भी दोनों को अब पता नहीं चला सका।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। बदरपुर स्थित आगरा नहर में डूबे भतीजे को बचाने पहुंचा चाचा भी अधिक पानी होने के कारण डूब गया। दोनों के डूबने की सूचना मिलते ही पुलिस में अफरा तफरी मच गई। पुलिस व गोतोखाेरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर उनकी तलाश की, लेकिन 36 घंटे बीत जाने के बाद उनका कोई पता नहीं चल सका।
नहर के किनारे खेल रहा था यश और आदर्श
बदरपुर निवासी 10 वर्षीय यश कुमार अपने भाई आदर्श 11 वर्षीय के साथ 31 दिसंबर को तीन बजकर 54 मिनट पर आगरा नहर के पास खेल रहा था। इस दौरान यश के हाथ गंदे हो गए और वह नहर के किनारे हाथ धाेने के लिए चला गया। जैसे ही वह हाथ धोने लगा तो उसका पैर फिसल गया और वह नहर में डूबने लगा।
भतीजे को बचाने के लिए नहर में कूदा चाचा
आदर्श ने यश के डूबने पर शोर मचा दिया। वहां से गुजर रहे उसके चाचा सचिन पासवान उसको बचाने के लिए नहर में कूद गया, लेकिन दोनों चाचा-भतीजा कनैल में डूब गए। सूचना मिलने पर बदरपुर इंस्पेक्टर पुलिस व गोताखोरों के साथ पहुंचे और उनकी तलाश शुरू की। इंस्पेक्टर ने बताया कि वहां पूछताछ में
हरिनगर गांव बडी चौपाल निवासी मनीषा ने उनको यह पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों चाचा-भतीजा की तलाश की जा रही है और इसके लिए एनडीआरएफ सहित गोताखोरों/लाइफ गार्ड और एक नाव सहित बचाव टीम को लगाया गया है।
चाचा-भतीजे के डूबने से परिवार में कोहराम
रविवार की रात करीब आठ बजे तलाश अभियान बंद कर दिया गया था और सोमवार की सुबह नौ बजे से खोज अभियान, लेकिन अभी तक दोनों नहीं मिल सकें है। चाचा-भतीजा के कनैल में डूबने के कारण परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
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