दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बंद किया सीलमपुर कट, जीटी रोड और जाफराबाद रोड पर लग रहा जाम
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कांवड़ियों की सुरक्षा के मद्देनज़र सीलमपुर कट को बंद कर दिया है। इस वजह से जीटी रोड और जाफराबाद रोड पर सुबह से ही जाम की स्थिति बनी हुई है। जीटी रोड से जाफराबाद रोड की ओर कांवड़ यात्रा सुगम बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। जाफराबाद से गांधी नगर जाने वाले वाहन चालकों को अब वेलकम गोलचक्कर से होकर जाना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार सुबह कांवड़ियों की सुविधा के मद्देनजर सीलमपुर कट बंद कर दिया। इससे जीटी रोड और जाफराबाद रोड पर जाम लग रहा है।
जीटी रोड और जाफराबाद रोड कांवड़ मार्ग है। जीटी रोड से कांवड़िए जाफराबाद रोड पर जा सके इसलिए कट को बंद कर दिया गया है। जाफराबाद से गांधी नगर जाने वाले वाहन चालकों को वेलकम गोलचक्कर से घूमकर आना पड़ रहा है।
जीटी रोड पर कांवड़ियों की सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। हरियाणा की ओर जाने वाले कांवड़िये इसी मार्ग का उपयोग कर रहे हैं। जीटी रोड पर कांवड़ियों के लिए अलग से कांवड़ मार्ग बनाया हुआ है, ताकि उनको किसी तरह की परेशानी न हो। पुलिस उनका सहयोग कर रही है।
इसी तरह रविवार को एनएच-नौ पर डाक कांवड़ लाने वालों का बोलबाला रहा। शाम के समय सड़क पर ही डाक कांवड़ रोक कर कांवड़िये आरती करते दिखे। वजीराबाद रोड पर भी बड़ी संख्या में कांवड़िये आते दिखाई दिए। कांवड़ियों में महिलाओं की संख्या काफी है। इस भक्तिमय माहौल के बीच ब्रह्मपुरी मौनी बाबा मंदिर प्रांगण में उत्तर पूर्वी जिला पुलिस के एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा ने कांवड शिविर का उद्घाटन किया।
पहली बार महिला कांवड़ियों की ठहरने के लिए लगाए पिंक शिविर
राजधानी में पहली बार महिला कांवड़ियों के दो पिंक कांवड़ शिविर लगे हैं। संस्थाओं ने अपने स्तर पर पहल कर इन शिविरों को लगाया है। पिंक टेंट इनकी पहचान है। साथ ही इनमें सेवा करने के स्वयं सेवी भी महिलाएं ही हैं। इनमें ठहरने वाली महिला कावंड़ियों की संख्या कम है, लेकिन जो रुक कर जा रही हैं, वह इसे सराहनीय पहल बता रही हैं।
यमुनापार में जीटीबी एन्क्लेव ई-पाकेट में तत्व सेवा समिति पिंक कावंड़ शिविर चला रही है। शिविर संचालक समिति की अध्यक्ष दीप्ति जोशी ने बताया कि उनकी संस्था ने पहली बार ही कांवड़ शिविर लगाया है। जब इसके विचार कर रहे थे तो यही तय हुआ कि कुछ अलग किया जाए। चर्चा करते हुए सबकी सहमति बनी की केवल महिला कांवड़ियों के लिए ही शिविर लगाया जाए।
शिविर का रिकार्ड बताता है कि इसमें अब तक चार महिला कांवड़िया ठहर कर जा चुकी हैं। शिविर से जुड़े स्वयं सेवकों का कहना है कि यह नई शुरुआत है। ठहरने वालों की संख्या अभी कम है, लेकिन आने वाले तीन दिनों में भीड़ होने की उम्मीद है।
यह शिविर बाहर से देखने में पता चलता है कि यह महिलाओं के लिए ही है। इसका टेंट पिंक रंग का है। अंदर की साज सज्जा और कुर्सियां भी इसी रंग की हैं। सभी स्वयं सेवी तो नहीं, लेकिन सेवा में लगी कुछ महिलाएं पिंक सूट या साड़ी पहन रही हैं।
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