मुंबई की धारावी मॉडल की तर्ज पर बनेगी दिल्ली की 675 झुग्गी बस्तियां, DUSIB को 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी समिति
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) ने स्लम पुनर्विकास के लिए धारावी मॉडल की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाई है। यह समिति 15 दिनों में रिपोर्ट देगी। मुख्यमंत्री ने 675 झुग्गी बस्तियों के पुनर्विकास की घोषणा की थी। मुंबई में यह परियोजना अडानी समूह और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित है। दिल्ली में आवास एक चुनावी मुद्दा रहा है।

राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली: दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) ने राष्ट्रीय राजधानी में स्लम पुनर्विकास के लिए धारावी माॅडल के इन-सीटू पुनर्वास को अपनाने की व्यवहार्यता की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है।
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, समिति का नेतृत्व डूसिब अध्यक्ष करेंगे और इसमें मुख्य अभियंता, निदेशक, अधीक्षण अभियंता, कार्यकारी अभियंता और दो कनिष्ठ अभियंताओं सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
आदेश में कहा गया है कि दिल्ली के संदर्भ में धारावी माॅडल के इन-सीटू पुनर्वास को लागू करने की व्यवहार्यता की जांच के लिए निम्नलिखित अधिकारियों की एक समिति गठित की जाती है।
आदेश में कहा गया है कि समिति धारावी माॅडल का विस्तृत अध्ययन करेगी और यह आकलन करेगी कि क्या इसे दिल्ली में उपयुक्त रूप से अनुकूलित और कार्यान्वित किया जा सकता है?
आदेश में उल्लेख किया गया है कि यदि कार्यान्वयन व्यवहार्य पाया जाता है, तो समिति संभावित तौर-तरीकों, संस्थागत ढांचों और कार्यान्वयन तंत्रों का भी सुझाव देगी। यह अन्य प्रासंगिक टिप्पणियां और सिफारिशें भी कर सकती है।
समिति को अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया है। बता दें कि गत 20 जून को, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार शहर में 675 झुग्गी बस्तियों के पुनर्विकास के लिए धारावी माॅडल पर विचार कर रही है।
मुंबई में धारावी पुनर्विकास परियोजना एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है, जो अडानी समूह और महाराष्ट्र सरकार का एक संयुक्त उद्यम है।
दिल्ली में झुग्गी वालों को आवास उपलब्ध कराना एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है। 10 सालों तक सत्ता में रही आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी दो दो बार की घोषणाओं के बावजूद झुग्गी वालों को आवास उपलब्ध नहीं करा सकी थी। अब दिल्ली में सत्तासीन भाजपा इसे लेकर गंभीर है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।