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    'भाजपा के इशारे पर काम कर रहे कालका', राहुल गांधी के बयान पर आपस में भिड़ रहे दिल्ली के सिख नेता

    Updated: Mon, 23 Sep 2024 12:43 PM (IST)

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सिखों पर दिए बयान को लेकर दिल्ली के सिख नेता आपस में भिड़ गए हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) राहुल गांधी के बयान का विरोध कर रही है जबकि शिरोमणि अकाली दल उनके समर्थन में खड़ा है। हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने उन पर पलटवार किया है।

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    सिखों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर विवाद बढ़ रहा है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सिखों को लेकर अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर सिख नेता आपस में भिड़ रहे हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) राहुल गांधी के बयान का विरोध कर रहा है। समिति के कई सदस्य इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों में भी शामिल हुए हैं।

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    वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) राहुल के समर्थन में खड़ा है। शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने उनके बयान का विरोध करने पर डीएसजीएमसी की निंदा की है। उन्होंने समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका पर भाजपा के इशारे पर काम करने और सिखों के मुद्दे से समझौता करने का आरोप लगाया है।

    जगदीप सिंह काहलों ने किया पलटवार

    कालका और समिति के महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी से निकटता के कारण डीएसजीएमसी के अध्यक्ष रहते हुए सरना ने सिख समुदाय को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

    उन्होंने कहा, "सरना तथ्यहीन बयान देकर सिख समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। वह वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दोषियों के साथ अपने संबंध को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी 1984 के सिख विरोधी दंगे के लिए जिम्मेदार है। हर कोई जानता है कि सिख नरसंहार को अंजाम देने वाले कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और अन्य आरोपियों को सरना के डीएसजीएमसी अध्यक्ष रहते हुए बरी कर दिया गया था।"

    कांग्रेस से सरना की निकटता के कारण ही ये आरोपी निर्दोष करार दिए जाते रहे। सिख परिवार इस पीड़ा को चुपचाप सहते रहे। उन्होंने कहा कि सरना की वफादारी हमेशा सच्चाई को दबाने और सिखों को नुकसान पहुंचाने के लिए रहा है। उन्होंने कहा कि सिखों के बारे में राहुल गांधी के बयान का बचाव करने से ही सरना की अवसरवादी सोच उजागर हुई है। सरना ने हमेशा कांग्रेस के अघोषित प्रवक्ता के रूप में काम किया है।

    "सिख समुदाय को वफादार नेताओं की जरूरत"

    उन्होंने कहा कि डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने हमेशा सिख अधिकारों और सिखों के लिए न्याय की मांग की है। सिरसा और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी सिख अधिकारों के लिए एक साथ खड़े हैं और हमारी विशिष्ट पहचान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को अच्छा सबक सिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान कांग्रेस पार्टी की सिखों के प्रति ऐतिहासिक नफरत की पृष्ठभूमि में आया है। सरना आज भी उनके प्रति वफादार हैं। सिख समुदाय को ऐसे वफादार नेताओं की जरूरत है जो न्याय की लड़ाई में उनका साथ दें, न कि सरना जैसे लोगों की जो राजनीतिक लाभ के लिए सिखों के लिए समझौता करने को तैयार हों।