DDA की राहत के बाद MCD ने बढ़ाई 336 फ्लैट मालिकों की टेंशन, दिल्ली पुलिस तक पहुंचा मामला
दिल्ली नगर निगम ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को खतरनाक बताते हुए इसे तुरंत खाली कराने के लिए पुलिस से मदद मांगी है। निगम ने कहा है कि इमारत रहने लायक नहीं है और वर्षा के मौसम में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए इसे खाली कराना जरूरी है। वहीं आरडब्ल्यूए का कहना है कि निगम का ऐसा कोई पत्र उन्हें नहीं मिला है।

धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से चार दिन पहले किराए के भुगतान की घोषणा कर बड़ी राहत के बाद अब नगर निगम की नई चिट्ठी ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के लोगों की धुकधुकी बढ़ा दी है।
नगर निगम ने उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त को पत्र लिख कर अपार्टमेंट के सभी 336 फ्लैट तुरंत खाली कराने को कहा है। निगम ने कहा है कि यह इमारत खतरनाक है और रहने लायक नहीं है।
निगम ने जल बोर्ड और टाटा पावर से कही ये बात
वर्षा के मौसम में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए तत्काल खाली कराया जाना आवश्यक है। साथ ही, निगम ने दिल्ली जल बोर्ड और टाटा पावर कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है।
उधर, आरडब्ल्यूए का कहना है कि नगर निगम ने आरडब्ल्यूए को चिट्ठी नहीं भेजी है। जब लोग डीडीए की एसओपी के अनुसार चल रहे हैं तो निगम की एकाएक इतनी तेजी समझ से बाहर है।
दिल्ली नगर निगम सिविल लाइंस जोन के उपायुक्त की ओर से उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त को 14 जुलाई को लिखे पत्र में कहा गया है कि मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स को तत्काल खाली करने की आवश्यकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था ये फैसला
दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए निगम ने कहा कि इमारत खतरनाक है और रहने के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
न्यायालय ने भी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसके विध्वंस और बाद में पुनर्निर्माण का फैसला सुनाया है।
पत्र में कहा गया है कि अपार्टमेंट के 336 फ्लैटों के मालिकों को खतरनाक संपत्ति और म्यूनिसिपल कारपोरेशन आफ दिल्ली अधिनियम की धारा 348 और 349 के तहत परिसर खाली करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
निगम ने पुलिस उपायुक्त से किया ये अनुरोध
नगर निगम ने पुलिस उपायुक्त से अनुरोध किया है कि वे मुखर्जी नगर थाना प्रभारी को तत्काल फ्लैट खाली कराने के निर्देश जारी करें।
वर्षा का मौसम है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए डीडीए द्वारा फ्लैटों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। नगर निगम ऐसा ही नोटिस जनवरी 2023 में भी जारी कर चुका है।
बता दें कि अपार्टमेंट में रह रहे लोगों की किराए भुगतान की पुरानी मांग को डीडीए ने गत 11 जुलाई को स्वीकार कर लिया था।
फ्लैट मालिकों को किराए के लिए मिलेंगे 38 हजार रुपये
पुनर्निर्माण अवधि के दौरान सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निवासियों को किराए के तौर पर उच्च-आय वर्ग (एचआइजी) फ्लैटों के लिए 50 हजार रुपये प्रति माह और मध्यम-आय वर्ग (एमआइजी) फ्लैटों के लिए 38 हजार रुपये प्रति माह की सुविधा राशि (किराया) को मंजूरी दी गई है। फ्लैट खाली होने पर प्रत्येक आवंटी/ फ्लैट मालिक को किराया दिया जाएगा।
हम कोई अवैध रूप से नहीं रहे: आरडब्ल्यूए
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार राकेश ने कहा कि नगर निगम का ऐसा कोई पत्र आरडब्ल्यूए को नहीं मिला है। निगम की ओर से ऐसा कोई पत्र पुलिस को भेजे जाने के बारे में जानकारी मिली है।
135 लोग अपना फ्लैट खाली करके जा चुके हैं। डीडीए की किराए के भुगतान की घोषणा के बाद लोग स्वयं अपना फ्लैट खाली करने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। ऐसे में नगर निगम ने ऐसे पत्र निकाल दिया, जैसे हम अवैध रूप से रहे हों।
निगम की एकाएक इतनी तेजी से सभी हैरान हैं। उन्होंने बताया कि इस विषय में आरडब्ल्यूए प्रतिनिधिमंडी जल्द डीडीए अधिकारियों से मिलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।