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    दरोगा को न्यायिक हिरासत में लिया... कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट, 10 हजार का जुर्माना भी लगाया

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 01:36 PM (IST)

    दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने पॉक्सो मामले की सुनवाई में पेश न होने पर एक एसआई के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। एसआई को 10 हजार रुपये का जमानती वारंट भरने का आदेश दिया गया जिसका पालन न करने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। विभागीय कार्यवाही के आश्वासन पर कोर्ट ने जमानत दी। एसआई संदीप रावल 2018 के पॉक्सो मामले में जांच अधिकारी थे।

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    आदेश की अवहेलना पर एसआई को कोर्ट के न्यायिक हिरासत में लिया।

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली में पॉक्सो के मामले में सुनवाई में पेश न होना और कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर (एसआई) को भारी पड़ गया।

    कड़कड़डूमा कोर्ट ने पहले एसआई के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया। एसआई की अर्जी पर कोर्ट ने उन्हें इससे राहत देते हुए जमानती वारंट के 10 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया। इसका पालन नहीं करने पर कोर्ट ने उनको न्यायिक हिरासत में ले लिया।

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    वरिष्ठ अधिकारी ने कोर्ट में पेश होकर एसआई के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का भरोसा दिया। तब कोर्ट ने एसआई को जमानत दी।

    जानकारी के मुताबिक, कल्याणपुरी थाने में वर्ष 2018 में पॉक्सो का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में एसआई संदीप रावल जांच अधिकारी थे। वह रावल गोविंदपुरी थाने में तैनात हैं। कल्याणपुरी थाने के केस में एसआई बार-बार बुलाने के बावजूद सुनवाई में पेश नहीं हो रहे थे।

    इस पर कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट ने उनके खिलाफ 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था। इसके बावजूद वह मंगलवार को सुनवाई में नहीं पहुंचे तो कोर्ट ने उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया।

    इसके बाद एसआई ने एनबीडब्ल्यू से राहत के लिए कोर्ट पहुंचे और बताया कि आज वह गोविंदपुरी थाने के एक मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए साकेत कोर्ट गए हुए थे। कोर्ट ने उनके आचरण को लेकर नाराजगी जताई और जमानत वारंट के 10 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया। दो बार मौका देने पर एसआई ने यह राशि जमा नहीं कराई। इस पर कोर्ट ने एसआई को न्यायिक हिरासत में ले लिया।

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    कोर्ट में तैनात पुलिस स्टाफ इसकी जानकारी गोविंदपुरी थाने के एसएचओ धर्मवीर सिंह को दी। वह कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचे और एसआई को छोड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने कोर्ट में एसआई के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की बात कही। तब कोर्ट ने 10 हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की।