दिल्ली के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त, प्रधानाचार्यों ने नियमित शिक्षकों की छुट्टियां की रद्द
शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी है। जिस कारण स्कूलों में चल रही मिशन बुनियाद की कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी हो गई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी है। जिस कारण स्कूलों में चल रही मिशन बुनियाद की कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी हो गई है। निदेशालय ने स्कूल प्रधानाचार्यों को कहा कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं भले ही समाप्त हो रही हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें दाखिला या परीक्षा संबंधी कार्य के लिए स्कूल में बुलाया जा सकता है।
नियमित शिक्षकों की छुट्टियां रद्द
इसमें उन्हें मिशन बुनियाद की कक्षाएं लेने के लिए भी कहा जा सकता है। निदेशालय के इस आदेश के बाद प्रधानाचार्यों ने अतिथि शिक्षकों को स्कूल आने से ही मना कर दिया है। साथ ही प्रधानाचार्यों ने नियमित शिक्षकों की भी छुट्टियां रद्द कर दी है। सभी नियमित शिक्षकों को तत्काल स्कूल में आने को कहा है और मिशन बुनियाद की कक्षाएं लेने का निर्देश दिया है।
प्रधानाचार्य का मनमाना रवैया- अतिथि शिक्षक
वहीं अतिथि शिक्षकों ने इसे प्रधानाचार्यों का मनमाना रवैया बताते हुए कहा कि स्कूल में शिक्षकों की कमी को देखते हुए मिशन बुनियाद की कक्षाओं में अतिथि शिक्षकों को शामिल किया जा सकता है, लेकिन फिर भी प्रधानाचार्य उन्हें स्कूल आने से मना कर रहे हैं, जबकि बहुत से शिक्षक छुट्टी पर गए हैं।
जाफराबाद स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय के प्रधानाचार्य ने आदेश जारी कर कहा कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त किए जाने से उन्हें स्कूल आने की अनुमति नहीं है। ऐसे में तीसरी से आठवीं तक के कुल 1850 छात्रों के लिए शिक्षकों की कमी को देखते हुए नियमित शिक्षकों की छुट्टियां रद्द की जा रही हैं। उन्होंने स्कूल के 43 नियमित शिक्षकों की सूची जारी करते हुए सभी को अनिवार्य तौर पर स्कूल आने को कहा।
आल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने कहा कि अबसे पहले जितने भी मिशन बुनियाद के कार्यक्रम हुए हैं, उसमें हर बार अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त किए जाने का निर्देश आता रहा है। इसमें अतिथि शिक्षकों के कार्य करने की फाइल बन कर जाती थी और बीच में ही पास होकर आ जाती थी।
अभी तक प्रधानाचार्य किसी भी अतिथि शिक्षक को स्कूल में आने से मना नहीं करते थे, लेकिन अब कुछ स्कूल सीधा नोटिस जारी कर अतिथि शिक्षकों को स्कूल आने से मना कर रहे हैं। प्रधानाचार्यों के इस नकारात्मक रवैये से अतिथि शिक्षकों का आर्थिक नुकसान हो रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।