दिल्ली सीमापुरी में आइईडी में मिला अमोनियम नाइट्रेट-आरडीएक्स का मिश्रण
पुरानी सीमापुरी में घर में मिले आइईडी में भी अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण होने का पता चला है। गाजीपुर फूल मंडी के गेट पर काले रंग के बैग में मिले आइईडी को जैसे बनाया गया था सीमापुरी में मिला आइईडी भी उसी तरह से बना हुआ मिला है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुरानी सीमापुरी में घर में मिले आइईडी में भी अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण होने का पता चला है। गाजीपुर फूल मंडी के गेट पर काले रंग के बैग में मिले आइईडी को जैसे बनाया गया था, सीमापुरी में मिला आइईडी भी उसी तरह से बना हुआ मिला है। गाजीपुर में मिले आइईडी में आरडीएक्स की मात्र अधिक थी, जिससे निष्क्रिय करने के दौरान बहुत तेज धमाका हुआ था।
वहीं, सीमापुरी में मिले आइईडी में आरडीएक्स की मात्र कम थी, जिससे निष्क्रिय करने के दौरान धमाका तेज नहीं हुआ। अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण, टाइमर, डेटोनेटर, बैट्री, तार, स्वीच, लोहे की कीलें और चुंबक के टुकड़े आदि दोनों आइईडी में एक जैसे पाए गए हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि हो सकता है दोनों आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) एक ही समय में कहीं पर तैयार किए गए हों। अंदेशा है कि गाजीपुर में आइईडी के नहीं फटने पर सीमापुरी में मिले आइईडी को संदिग्धों ने शायद जानबूझकर अन्य जगहों पर ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल नहीं किया। इसके पीछे उनकी यह मंशा हो सकती है कि कहीं उनका लक्ष्य भी पूरा न हो पाए और वे जांच एजेंसियों के रडार पर आ जाएं।
बावजूद इसके स्पेशल सेल की टीम ने बृहस्पतिवार शाम सीमापुरी में संदिग्धों के किराये पर लिए घर से दूसरा आइईडी भी बरामद कर लिया। स्पेशल सेल सीमापुरी में मिले आइईडी की प्रकृति की पुष्टि के लिए एनएसजी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। गाजीपुर में जिस काले रंग के बैग में आरडीएक्स मिला था, उस पर किसी कंपनी का लोगो नहीं था। सीमापुरी में जिस स्लेटी रंग के बैग में आइईडी मिला, उस पर भी किसी कंपनी का लोगो नहीं है।
पुरानी सीमापुरी की सुनार वाली गली में बृहस्पतिवार शाम जिस घर के अंदर आइईडी मिला था, उसको स्पेशल सेल ने एफएसएल व एनएसजी द्वारा जांच के बाद रात को ही सील कर दिया। जांच पूरी होने तक घर के बाहर सेल और स्थानीय पुलिस को निगरानी के लिए तैनात कर दिया गया है। शुक्रवार सुबह यूपी एटीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की टीम ने भी सीमापुरी पहुंचकर कई घंटे तक जांच की। दोनों एजेंसी अपनी एफएसएल टीम के साथ वहां पहुंची थीं।
उधर, संदिग्धों को किराये पर घर देने के मामले में जितने भी स्थानीय लोगों की संलिप्तता का पता लगा, उनको स्पेशल सेल ने हिरासत में ले लिया है। उनसे संदिग्धों के नाम और पते के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर में आइईडी रखने में शामिल एक संदिग्ध करीब दो माह पहले इलाके के प्रापर्टी डीलर शकील के पास किराये पर घर के लिए आया था। शकील ने उसको हाशिम का घर दिलाने का आश्वासन दिया था। आइडी की मांग करने पर उसने शकील के जरिये घर नहीं लिया था। एक सप्ताह बाद उसने खुद मकान मालिक हाशिम से संपर्क कर घर ले लिया था।
पुलिस को दिए बयान में हाशिम ने बताया है कि संदिग्ध से उसने न तो कोई आइडी मांगी और न ही उसके नाम ठिकाने के बारे में जानकारी ली थी। घर लेने के बाद संदिग्ध अपने एक अन्य साथी के साथ वहां रहने लगा था। दोनों बहुत कम ही वहां आते-जाते थे। इससे हाशिम की बिल्डिंग में रहने वाले अन्य किरायेदार उन दोनों को नहीं जानते थे। हालांकि हाशिम और शकील आदि के बयानों को जांच एजेंसी अभी सच नहीं मान रही है। उनसे पूछताछ जारी है। घर में रहने वाले दोनों संदिग्धों और उनसे जुड़े अन्य की पहचान कर सेल गोपनीय तरीके से सभी संभावित जगहों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि मकान मालिक जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
- गाजीपुर फूल मंडी के गेट के बाहर आरडीएक्स रखने के मामले की जांच के दौरान संदिग्धों के बारे में पता चला था। संदिग्धों के सीमापुरी स्थित एक घर में छिपे होने की सूचना पर सेल की टीम वहां गई तो घर के अंदर स्लेटी रंग के बैग में आइइडी मिला। आइईडी मिलने से आतंकी माड्यूल के बारे में पता लगाया जा रहा है। आपरेशन प्रभावित न हो, इसलिए जांच संबंधी तथ्यों को शेयर नहीं किया जा सकता है। काफी महत्वपूर्ण लीड मिले हैं, दहशतगर्द जल्द पकड़े जाएंगे। राकेश अस्थाना, दिल्ली पुलिस आयुक्त
सीमापुरी के आसपास लगे 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी
संदिग्धों के बारे में इनपुट मिलने पर सेल की टीम एक सप्ताह से पुरानी सीमापुरी में नजर रख रही थी। आइईडी मिलने पर सुराग ढूंढने के लिए सीमापुरी के आसपास 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई। सेल को अंदेशा है कि सीमापुरी में रहते हुए संदिग्धों ने गाजीपुर में आरडीएक्स रखा हो।
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