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    दिल्ली में आतिशबाजी बैन! क्या ग्रीन पटाखे को मिलेगी अनुमति? सुप्रीम कोर्ट जाएगी रेखा गुप्ता सरकार

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 03:43 AM (IST)

    दिल्ली सरकार दीपावली पर ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। सरकार का कहना है कि वह जनभावनाओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाना चाहती है। पूर्व में प्रदूषण के कारण पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार अदालत को दिशा-निर्देशों के पालन का आश्वासन देगी। वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण पहले भी पटाखों पर रोक लगाई गई थी।

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    सुप्रीम कोर्ट से दीपावली पर ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति मांगेगी दिल्ली सरकार

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के कारण राजधानी में वर्ष 2017 से दीपावली पर पटाखे चलाने पर प्रतिबंध है। भाजपा सरकार इसके लिए पूर्व की आम आदमी पार्टी की सरकार जिम्मेदार ठहरा रही है। उसका कहना है कि प्रदूषण रोकथाम के लिए पूर्व की सरकार यदि ठोस कदम उठाती तो पटाखों पर प्रतिबंध की स्थिति नहीं आती। दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट से दीपावली पर प्रमाणित ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति देने की अपील करेगी।

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    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हमारी सरकार का मानना है कि जनभावनाओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन आवश्यक है। इस पहल का उद्देश्य परंपराओं का सम्मान करते हुए प्रदूषण नियंत्रण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करना है।

    दीपावली को लेकर दिल्लीवालों में अलग ही उत्साह, उमंग और उल्लास नजर आता है। इस पर्व पर दिल्ली वाले खूब आतिशबाजी करते थे, लेकिन प्रदूषण व विभिन्न कारणों से इसे रोक दिया गया। सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया जाएगा कि दिल्ली सरकार अदालत के सभी दिशा-निर्देशों और मानकों का पूर्ण पालन करेगी। सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

    उल्लेखनीय है कि राजधानी में दीपावली और सर्दी के दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) खतरनाक ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है। इस कारण अदालत ने पारंपरिक पटाखों के साथ ही ग्रीन पटाखों पर भी रोक लगा दी है। वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार दिल्ली में पारंपरिक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर अस्थायी रोक लगाई थी।

    वर्ष 2018 में (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआइआर-नीरी) ने ग्रीन पटाखे विकसित किए थे। इन पटाखों में पारंपरिक पटाखों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम प्रदूषक तत्व होते हैं। इनमें बेरियम नाइट्रेट जैसे हानिकारक रसायन सीमित मात्रा में होते हैं।

    अक्टूबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग की सशर्त अनुमति दी थी।प्रमाणित ग्रीन पटाखे दीपावली की रात 8 से 10 बजे तक ही चलाए जा सकते थे। लेकिन, राजधानी में ग्रीन पटाखों की पहचान, प्रमाणन और वितरण को लेकर कोई स्पष्ट व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रतिबंध जारी है।

    इस वर्ष 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दिल्ली व एनसीआर के अन्य शहरों में प्रभावी रूप से प्रतिबंध लागू करने के लिए सभी हितधारकों से मिलकर स्पष्ट नीति तैयार करने को कहा है। एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण की सशर्त अनुमति दी गई है। इन पटाखों को दिल्ली व एनसीआर के अन्य शहरों में नहीं बेचा जाएगा। बिक्री को लेकर आठ अक्टूबर को सुनवाई होगी।