Delhi: समय से पहले MCD के सचिव भगवान सिंह को दी गई सेवानिवृत्ति, शिवा प्रसाद को मिली जिम्मेदारी
दिल्ली नगर निगम के सचिव भगवान सिंह को समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई है। बता दें कि नगर निगम के सदन में विवाद के चलते हटाने की चर्चा थीं। बता दें कि निगम सचिव पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगा था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार की तरह नगर निगम में भी शासन और प्रशासन के बीच खींचतान जारी है। इसी खींचतान की वजह से निगम सचिव भगवान सिंह का अनुबंध निगम ने खत्म कर दिया है। भगवान सिंह को अनुबंध जून माह में खत्म होने वाला था, लेकिन निगम ने अचानक सोमवार को उनका अनुबंध खत्म कर दिया है।
साथ ही महापौर के आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) शिवा प्रसाद के वी को निगम सचिव बनाया गया है। वहीं अतिरिक्त उपायुक्त प्रवीन कुमार सचान को महापौर का ओएसडी नियुक्त किया गया है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली नगर निगम की बजट बैठक में निगम सचिव भगवान सिंह को हटाने को लेकर प्रस्ताव आने वाला था। इसकी भनक लगते हुए प्रशासन ने भगवान सिंह का अनुबंध खत्म करने का ही निर्णय ले लिया।
भगवान सिंह मार्च 2019 में निगम सचिव पद से सेवानिवृत हो गए थे, लेकिन तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने उन्हें सलाहकार पद पर नियुक्त करते हुए निगम सचिव के पद पर तैनाती कर दी थी। 2022 में जब तीनों निगमों का एकीकरण कर हुआ तो भी तीनों निगम सचिवों में से भगवान सिंह को ही एकीकृत निगम सचिव की जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान भगवान सिंह के हर छह माह पर अनुबंध भी बढ़ते चले गए।
आप ने लगाया था BJP से मिले रहने का आरोप
भगवान सिंह को लेकर विवाद 24 फरवरी को हुई सदन की बैठक में लगा था। स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव में हुए हंगामा और महापौर के साथ ही अभ्रदता पर आम आदमी पार्टी(आप) के विधायक दुर्गेश पाठक ने भगवान सिंह की आलोचना की थी। पाठक ने आरोप लगाया था कि भगवान सिंह भाजपा से मिले हुए हैं। वहीं, दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने भी उन्हें समन्न किया था।
महत्वपूर्ण पद होता है निगम सचिव
दिल्ली नगर निगम का निगम सचिव संवैधनिक पद है। निगम सदन से लेकर स्थायी समिति या फिर अन्य समितियों में जो भी प्रस्ताव आते हैं वह निगम सचिव कार्यालय के माध्यम से ही आते हैं। सदन और स्थायी समिति में आने वाला प्रस्ताव निगमायुक्त के माध्यम से निगम सचिव कार्यालय में आते हैं। इसके बाद बैठक का एजेंडा तय होता है, जिसे सदन में रखा जाता है। इसकी मंजूरी के बाद भी इसकी सूचना निगमायुक्त को दी जाती है। फिर उस योजना या निर्णय को लागू किया जाता है।
शिवा प्रसाद को है निगम एक्ट की गहन जानकारी
दिल्ली नगर निगम के नए निगम सचिव शिवा प्रसाद के वी पूर्वकालिक उत्तरी निगम में निगम सचिव रह चुके हैं। उन्हें निगम एक्ट की गहन जानकारी है। साथ ही उनका इस क्षेत्र में काफी अनुभव है। वह बीते वर्ष ही निगम से सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद अनुबंध के आधार पर वह महापौर के ओएसडी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। शिवा प्रसाद को निगम के ओएंडएम विभाग में भी कार्य का लंबा अनुभव हैं और वह प्रेस एवं सूचना निदेशालय में निदेशक भी रहे हैं।

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