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    चौंकाती है शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट, दिल्ली के 799 सरकारी स्कूलों में दांव पर है छात्रों का भविष्य

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:04 PM (IST)

    शिक्षा निदेशालय की एक हालिया रिपोर्ट में दिल्ली के 799 सरकारी स्कूलों में बिजली और पानी की खराब आपूर्ति की स्थिति उजागर हुई है जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। 48 स्कूलों में पानी की आपूर्ति बिल्कुल नहीं है और 17 स्कूलों में बार-बार बिजली कटौती हो रही है। निदेशालय ने सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

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    799 सरकारी स्कूलों में बिजली-पानी आपूर्ति की बदहाल स्थिति।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर खतरा बन चुकी बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति को उजागर किया है।

    निदेशालय कि ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि पूरे दिल्ली में 799 स्कूलों में बिजली और पानी की आपूर्ति इतनी बदहाल स्थिति में हैं कि बच्चों का भविष्य दांव पर है।

    रिपोर्ट के अनुसार, 703 स्कूलों में से 48 स्कूलों में तो पानी की आपूर्ति बिल्कुल नहीं हो रही, जबकि 59 स्कूलों में अनियमित आपूर्ति की शिकायतें मिली हैं।

    22 स्कूल पूरी तरह से टैंकर पर निर्भर हो चुके हैं, जबकि 10 स्कूलों में बिलकुल भी पानी नहीं है। इनमें से कई स्कूल निर्माणाधीन हैं।

    लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो वर्षों से बिना स्थायी समाधान के टैंकर या नजदीकी स्कूल पर निर्भर हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि शिक्षा के नाम पर सरकारी स्कूलों की स्थिति लगातार गिरती जा रही है।

    बिजली आपूर्ति की स्थिति भी चौंकाने वाली है। छह स्कूलों में बिल्कुल बिजली नहीं, जबकि 17 स्कूलों में बार-बार पावर कट्स हो रहे हैं, जिससे पढ़ाई चौपट हो रही है।

    न तो जनरेटर की सुविधा है और न ही कोई स्थायी व्यवस्था। कई स्कूल ऐसे भी पाए गए जहां पर बिजली मीटर तक साझा हैं, जिससे बिलिंग और निगरानी की समस्या बनी हुई है।

    शिक्षा विभाग ने उप शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि वे तुरंत जांच करके सुधारात्मक कदम उठाएं। निदेशालय ने कहा कि टैंकर-निर्भर स्कूलों के लिए तत्काल दिल्ली जल बोर्ड टैंकर सप्लाई की व्यवस्था करनी होगी।

    साथ ही, बिना जल बोर्ड कनेक्शन वाले स्कूलों को नए कनेक्शन के लिए फौरन आवेदन करने का आदेश दिया गया है।

    इसके अलावा, सोलर पैनल लगाकर स्कूलों को स्वावलंबी बनाने की भी सिफारिश की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति का दोबारा सामना न करना पड़े।

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