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    दिल्ली के स्कूल में बिजनेस ब्लास्टर की कक्षा, लघु उद्योग को बढ़ावा देंगी छात्राएं, जानिए प्लानिंग

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Mon, 11 Oct 2021 07:36 PM (IST)

    वेस्ट विनोद नगर स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में बिजनेस ब्लास्टर की कक्षा का आयोजन किया। छात्राओं ने अपनी रचनात्मकता व प्रतिभा का परिचय देकर सिलाई कढ़ ...और पढ़ें

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    वेस्ट विनोद नगर स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय ने उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम के तहत बिजनेस ब्लास्टर कक्षा ।

    नई दिल्ली [रितु राणा ]। वेस्ट विनोद नगर स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय ने उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम के तहत बिजनेस ब्लास्टर की कक्षा का आयोजन किया। जिसमें कक्षा 11वीं व 12वीं की छात्राओं ने अपने लघु उद्योग से संबंधित विचार साझा किए। बिजनेस ब्लास्टर प्रोजेक्ट के तहत हर कक्षा में छात्राओं के अलग अलग समूह बनाए गए हैं। इन समूहों का नेतृत्व भी स्वयं छात्राएं ही कर रही हैं। इन समूहों को एक आकर्षक नाम भी दिया गया है। छात्राओं ने अपनी रचनात्मकता व प्रतिभा का परिचय देकर सिलाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प वस्तुएं, कबाड़, कागज व गत्ते के प्रयोग से पर्स, फोल्डर आदि सजावटी वस्तुएं, मिट्टी के दीये, पैकेजिंग व अन्य प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी कर दिया है।

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    इस दौरान स्पेशल फार यू ग्रुप का नेतृत्व कर रही कक्षा 11वीं की छात्रा आरजू ने बताया कि वह सिलाई का काम करेंगी। उन्होंने पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है, वह बाजार से कम कीमत पर कच्चा माल लाकर स्वयं कपड़ों की सिलाई करेंगे और उन्हें सस्ते दाम पर बाजार में बेचेंगे। उन्होंने कहा कि अपने इस लघु उद्योग के जरिए वह भविष्य में बेरोजगार लोगों को रोजगार भी दे सकेंगे। छात्रा लक्ष्मी के नेतृत्व में रायल क्राफ्ट ग्रुप हस्तशिल्प वस्तुएं जैसे दीए, झालर व अन्य सजावटी वस्तुएं बनाने का काम कर रहा हैं। लक्ष्मी ने बताया कि यह सजावटी सामान शादी समारोह व त्योहारों पर खूब बिकते हैं।

    इनका भारत में ही उत्पादन होगा तो देश को भी लाभ होगा और चीनी वस्तुएं बाजार से खत्म हो जाएंगी। ऐसे ही छात्रा रश्मि रावत ने नेतृत्व में यूफोरिआ ग्रुप, कशिश के नेतृत्व में क्रिएटिव माइंड्स ग्रुप, मुस्कान पटेल के नेतृत्व में स्पार्कल ग्रुप आदि समूहों से जुड़कर छात्राओं में सकारात्मक भाव के साथ एक आत्मविश्वास भी पैदा हुआ है। प्रधानाचार्या ज्योत्सना मिंज ने कहा कि कहा कि कोई भी व्यवसायिक संगठन शुरू करना उद्यमिता का मुख्य पहलू है। इसलिए सबसे पहले छात्राओं को समूहों में काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

    ईएमसी की संयोजक सीमा गोयल ने बताया कि ईएमसी को पढ़कर छात्राएं नौकरी के पीछे नहीं जाएंगी, बल्कि नौकरी खुद उनके पास आएगी। ईएमसी की कक्षा विद्यार्थियों के दिमाग को तेज करेगी और बच्चों के पास अपना काम करने के लिए कई विचार होंगे। साथ ही सभी विद्यार्थियों को अपना लघु उद्योग शुरु करने के लिए सरकार की ओर से दो हजार रुपये भी दिए जाएंगे। साथ ही इनके द्वारा बनाए प्रोजेक्ट की स्कूल में प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इस मौके पर स्कूल की परामर्शदाता शिक्षिका मंजू भंडारी, शशि, कृष्णा सहित सभी ईएमसी सदस्य मौजूद रहे।

    लघु उद्योग के संबंध में छात्राओं की प्रतिक्रिया

    • ईएमसी में हम अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करके रोजगार भी कमा सकते हैं। इससे हमें सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है। हमने सोचा है कि हम अपना काम शुरु करेंगे तो, भविष्य में दूसरे जरूरतमंद लोगों को भी रोजगार देने के लिए सक्षम बनेंगे। दिव्या अधिकारी- छात्रा
    • ईएमसी में हमें अपने मस्तिष्क को विकसित कर रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। मैंने सोचा है कि हम सिलाई का काम करके लोगों को सस्ते दामों के कपड़े बेचेंगे। त्योहारों के समय दुकानों पर कपड़े बहुत महंगे मिलते हैं, लेकिन हम जो कपड़े बेचेंगे तो कम कीमत में होंगे। इससे लोगों को भी खुशी मिलेगी। अनमता नाज- छात्रा
    • ईएमसी की कक्षा में बहुत अच्छा महसूस होता है। इससे कुछ नया करने की जज्बा जागता है। मैं अपने चित्रकला के शौक को अपना करियर बनाऊंगी। इससे कोई छोटा काम शुरू करके रोजगार कमाऊंगी। कलपना- छात्रा
    • मैंने सोचा है कि कबाड़ का प्रयोग करके मैं सजावटी वस्तुएं बनाऊंगी। आजकल लोग ऐसे सामान को बहुत पसंद कर रहे हैं। इससे मुझे भविष्य में केवल नौकरी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और मैं खुद का काम कर सकती हूं। तुलसी-छात्रा