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Delhi Crime News : 9 वर्षों बाद भी राज बना हुआ है सावित्री मर्डर केस, इन तथ्यों पर उलझी कत्ल की गुत्थी

दिल्ली के पटेल नगर में 9 साल पहले सावित्री देवी हसीजा की हत्या का मामला पुलिस के लिए आज भी रहस्य बना हुआ है। पुलिस ने इस मामले को सबूतों के अभाव के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

By Nitin YadavEdited By: Nitin YadavPublished: Mon, 19 Jun 2023 01:32 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2023 01:32 PM (IST)
Delhi Crime News : 9 वर्षों बाद भी राज बना हुआ है सावित्री मर्डर केस

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली के पटेल नगर में  9 साल पहले हुए सावित्री देवी हसीजा के मर्डर केस को दिल्ली पुलिस के लिए एक रहस्य बना हुआ है।

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पुलिस ने इस मामले में प्रॉपर्टी और चोरी की कोशिश के दौरान हत्या का मामला समझकर जांच शुरू की थी, लेकिन कई तथ्यों पर पुलिस गुत्थी अभी तक उलझी हुई है।

बात 18 जून साल 2014 की है जब सावित्री देवी अपने पटेल नगर घर पर अकेली थी। उनका व्यापारी बेटा कंवल अपनी दुकान पर था और उनकी पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर मोती नगर गई हुई थी।

वारदात वाले दिन क्या हुआ?

हर रोज की तहत कंवल के पास काम करने वाला अमर दोपहर को उनका खाना लेने आता है। इसके बाद सावित्री रोने चली जाती है, लेकिन शाम को जब करीब साढ़े छह बजे कंवल घर लौटता है  तो वह अपनी मां को अपने गले में दुपट्टे के साथ बेसुध मिली।

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि गले घोंटने के निशान के अलावा सावित्री के शरीर पर भी कई चोट के निशान थे, जिससे मालूम होता है कि आरोपित के हमला करने के दौरान उनकी हाथापाई हुई है।

जांच टीम को फ्लैट का ताला टूटा हुआ नहीं मिला था, जिसको लेकर कहना था कि हमला करने वाला व्यक्ति हसीजा का जानकार हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंवल के साथ काम करने वाले अमर के पूछताछ की गई, लेकिन वारदात में उसकी संलिप्तता के कोई सुबूत नहीं मिले।

अनजान लोगों के लिए नहीं खोलती थीं दरवाजा

कुछ पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि वह कुछ वक्त पहले ही 6 महीने बाद अमेरिका से लौटी थी और उन्होंने अपनी बेटियों के साथ रहने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने महिला के बेटे कंवल से भी पूछताछ की और उसके मोबाइल की लोकेशन की भी जांच की थी।

वहीं, उनके रिश्तेदार और पड़ोसियों ने बताया कि वह आमतौर पर किसी भी अजनबी व्यक्ति के लिए दरवाजा नहीं खोलती थीं।

एक जांच अधिकारी ने बताया था कि सावित्री के पति सुभाष चंद हसीजा की कुछ सालों पहले मौत हो गई थी। उनकी बेटियां अमेरिका और यूरोप में रहती हैं, लेकिन वह अपने बेटे के साथ रहती थी।

पुलिस ने मामले की जांच के लिए दो संपत्ति और लूट की कोशिश के दौरान हत्या का एंगल रखा था जो आगे चल कर गलत साबित हुआ और सुबूत के अभाव में यह मामला जल्द ही ठंडे बस्ते में चला गया।

मामले से जुड़ी प्रमुख जानकारियां

  • सावित्री देवी पटेल नगर में अपने बेटे-बहू और उनके दो बच्चों के साथ फ्लैट में रहती थीं
  • उसके पति सुभाष चंद हसीजा की कुछ सालों पहले मौत  हो चुकी थी।
  • सावित्री की एक बेटी यूएसए और दूसरी बेटी यूरोप में रहती हैं, जबकि वह दिल्ली में अपने बेटे के साथ रहती थी।
  • वारदात के वक्त वह घर में अकेली थीं।
  • उनका बेटा दुकान गया हुआ था और बहू मायके गई हुई थी।
  • बेटे की दुकान पर काम करने वाला कर्मचारी दोपहर में लंच लेने आया था।
  • उसका बेटा शाम साढ़े छह बजे घर लौटा तो उसने अपनी मां को मृत पाया और उनके गले में दुपट्टा था।

इन तथ्यों पर उलझी पुलिस की गुत्थी

  • पुलिस ने बताया था कि घर से किसी अन्य चीजों की चोरी नहीं हुई, लेकिन घर से कैश गायब था।
  • किसी ने बदला लेने के लिए की हत्या?
  • लूटपाट के दौरान हुई हत्या?
  • संपत्ति के लिए किसी परिचित ने तो नहीं रची हत्या की साजिश?

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