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    दुनिया की पहली ऐसी सर्जरी: महिला के पेट में था फुटबॉल साइज ट्यूमर, सफदरजंग के डॉक्टरों ने रोबोटिक तकनीक से निकाला

    Updated: Sat, 26 Apr 2025 03:11 PM (IST)

    दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने नया इतिहास रचा। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 36 वर्षीय महिला मरीज की हाल ही में रोबोटिक सर्जरी की। अस्पताल के यूरोलाजी विभाग के डॉक्टरों ने हाल ही में महिला मरीज की तीन घंटे में सर्जरी कर 18.2 सेंटीमीटर गुणा 13.5 सेंटीमीटर आकार के ट्यूमर को निकाला और तीन दिन बाद महिला मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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    सफदरजंग में रोबोटिक सर्जरी से निकाला दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ग्लैंड का ट्यूमर

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 36 वर्षीय महिला मरीज की हाल ही में रोबोटिक सर्जरी कर 18.2 सेंटीमीटर गुणा 13.5 सेंटीमीटर (18.2*13.5) आकार का बड़ा ट्यूमर निकाला। सर्जरी के तीन दिन बाद महिला मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह ठीक है।

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    सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने बताया कि यह रोबोटिक सर्जरी से निकाला गया दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर है।

    खास बात ये है कि इसे मरीज के पेट में बिना कोई बड़ा चीरा लगाए रोबोटिक मशीन की मदद से छोटा-छोटा चीरा लगाकर सर्जरी की गई।

    नस, लिवर और दाईं किडनी से चिपक गया था ट्यूमर

    अस्पताल प्रशासन के अनुसार, यूरोलाजी के विभागाध्यक्ष डॉ. पवन वासुदेवा, डॉ. नीरज कुमार और डॉ. अभिषेक मंडल ने मिलकर यह सर्जरी की।

    एड्रेनल ग्लैंड दोनों किडनी के ऊपरी हिस्से में स्थित होता है जो हार्मोन उत्पन्न करता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद करता है।

    अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि महिला मरीज की एक किडनी के एड्रेनल ग्लैंड में ट्यूमर हो गया था और यह बड़ा होकर इंफीरियर वेना कावा नस, लिवर व दायें किडनी से चिपक गया था।

    3डी विजन तकनीक का इस्तेमाल कर हुई रोबोटिक सर्जरी

    इस ट्यूमर को शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाए बगैर हटाना जरूरी था। इसके लिए 3डी विजन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए रोबोटिक सर्जरी की गई।

    3डी विजन तकनीक से सर्जरी ज्यादा सटीक होती है। सर्जरी में बिना किसी जटिलता के ट्यूमर को पूरी तरह से हटाया जा सका। इससे मरीज भी जल्दी रिकवर हो गईं।

    रोबोटिक सर्जरी में क्यों दर्द कम होता है?

    रोबोटिक सर्जरी में मरीज के शरीर में छोटे छेद किए जाते हैं। इस वजह से मरीज को ज्यादा दर्द नहीं होता और सर्जरी के दौरान रक्तस्राव भी बहुत कम होता है। जबकि ओपन सर्जरी के लिए 20 सेंटीमीटर से ज्यादा बड़ा चीरा लगाना पड़ता है।

    इस वजह से मरीज को सर्जरी के बाद भी ठीक होने में कई सप्ताह समय लगता है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि सफदरजंग अस्पताल में मरीजों को रोबोटिक सर्जरी की अत्याधुनिक सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। निजी अस्पतालों में इसके लिए भारी भरकम शुल्क चुकाना पड़ता है।