नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इसे मौसम की मेहरबानी कहें या कुछ और, लेकिन वायु गुणवत्ता के लिहाज से आठ वर्षों के दौरान यह नवंबर दूसरा सबसे साफ माह रहा है। गंभीर श्रेणी के दिन घट गए हैं, जबकि खराब श्रेणी के बढ़े हैं। माह के औसत एक्यूआइ में भी कमी दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2015 में गंभीर श्रेणी यानी 400 से ऊपर के एयर इंडेक्स वाले छह दिन दर्ज हुए थे। वर्ष 2016 में यह संख्या 10, 2017 में सात, 2018 में पांच, 2019 में सात, 2020 में नौ और 2021 में 16 दिन रही थी।
इस साल नवंबर में मंगलवार (29 नवंबर तक) तक गंभीर श्रेणी के एयर इंडेक्स वाले दिनों की संख्या सिर्फ तीन दर्ज की गई। 14 दिन एयर इंडेक्स बहुत खराब जबकि 12 दिन खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। सफर इंडिया के मुताबिक बुधवार को महीने के अंतिम दिन भी यह बहुत खराब श्रेणी में ही बने रहने के आसार हैं। अब अगर औसत एयर इंडेक्स की बात करें तो वर्ष 2015 में यह 358, 2016 में 374, 2017 में 361, 2018 में 335, 2019 में 312, 2020 में 328, 2021 में 380 और 2022 में 319 दर्ज किया गया है।
मतलब, 2019 के बाद इस साल नवंबर का औसत एयर इंडेक्स सबसे कम रहा। सीपीसीबी के पूर्व अपर निदेशक डा डी साहा के मुताबिक सर्दियों के दिनों में वायु गुणवत्ता की यह बेहतरी मौसमी कारकों से है। इस माह हवा की दिशा ज्यादातर दिन पूर्वी, दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी रही। पराली जली जरूर, लेकिन हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी न होने के कारण दिल्ली तक इसका ज्यादा असर नहीं आया। इसीलिए वायु गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर रही। आमतौर पर सर्दियों के सीजन में नवंबर खासा प्रदूषित रहता है।
2015 से 2022 के दौरान 8 सालों के दौरान नवंबर में हवा की गुणवत्ता
साल | अच्छा | संतोषजनक | सामान्य | खराब | बेहद खराब | गंभीर |
2022
(29 नवंबर तक) |
0 | 0 | 0 | 12 | 14 | 3 |
2021 | 0 | 0 | 0 | 2 | 16 | 12 |
2020 | 0 | 0 | 2 | 10 | 9 | 9 |
2019 | 0 | 1 | 3 | 8 | 11 | 7 |
2018 | 0 | 0 | 1 | 7 | 17 | 5 |
2017 | 0 | 0 | 0 | 3 | 20 | 7 |
2016 | 0 | 0 | 0 | 3 | 17 | 10 |
2015 | 0 | 0 | 0 | 3 | 21 | 6 |