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    दिल्ली की सड़कें होंगी अधिक मजबूत, अब पॉलिमर मिक्स बिटुमिन का होगा इस्तेमाल; जानें क्या है यह तकनीक

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 10:38 PM (IST)

    दिल्ली सरकार सड़कों को मजबूत बनाने के लिए अब पॉलिमर मिक्स बिटुमिन का उपयोग करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार इससे सड़कों की उम्र बढ़ेगी और वे जल्दी खराब नहीं होंगी हालाँकि निर्माण लागत 25% तक बढ़ जाएगी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने आदेश जारी कर दिया है। वर्तमान में एनएचएआइ भी अपनी सड़कों में इसका उपयोग कर रहा है।

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    दिल्ली में अब पालिमर मिक्स उच्च श्रेणी के बिटुमिन से बनेगी सड़कें।

    वी के शुक्ला, नई दिल्ली। सड़कों को मजबूत और व्यवस्थित बनाने के लिए दिल्ली सरकार अब पॉलिमर मिक्स बिटुमिन का उपयोग करेगी। विशेषज्ञों का दावा है कि इस पद्धति से सड़कों को मजबूती मिल सकेगी। मगर इस पद्धति से अब सड़क बनाने का खर्च 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

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    ऐसे में विशेषज्ञ किसी कंपनी के माध्यम से पॉलिमर मिक्स बिटुमिन लेने की जगह इसके लिए अन्य प्रयोग का भी सुझाव देते हैं। बहरहाल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं।

    बता दें कि बिटुमिन का उपयोग सड़क की ऊपरी परत बनाने के लिए किया जाता है जो कोलतार और गिट्टी को मिक्स कर बनता है। नई व्यवस्था के तहत अब पॉलिमर को कारखाने में ही बिटुमेन में मिलाया जाता है, कुछ कंपनियां मांग होने पर इसकी आपूर्ति करती हैं। पहले इसका उपयोग क्रॉसिंग पर मैस्टिक के काम में किया जाता था।

    उस समय मौके पर ही इसे तैयार किया जाता था, मगर दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ने पर इस पर रोक लगा दी गई थी। इस समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अपनी सड़कें बनाने में इसका उपयोग करता है। विशेषज्ञों की माने तो इससे सड़क की उम्र बढ़ जाती है और पानी भर जाने पर भी सड़क जल्दी खराब नहीं होती है।

    दिल्ली में सड़कों पर गड्ढे एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। यहां तक कि मानसून के दौरान ही नहीं हर मौसम में आपको सड़कों पर गड्ढे मिल जाएंगे। सरकार भले ही यह दावा करती रहे कि सड़कों पर गड्ढे भरने का काम नित्य प्रतिदिन चलता रहता है, मगर सच्चाई यह भी है कि सड़कों पर गड्ढे भी कम नहीं दिखते हैं।

    मानसून की बात करें तो इस दौरान आप को कोई भी ऐसी सड़क नहीं मिलेगी, जहां पर गड्ढे नहीं हों। कई जगह के हालत तो ऐसे हैं कि जिस सड़क पर कुछ गड्ढे भरे गए हैं तो कुछ गड्ढे ज्यों के त्यों हैं और पीछे से आ रहे तेज वाहन ब इन गड्ढो पर पहुंचते हैं तो एकाएक ब्रेक लगने से दुर्घटनाएं भी हो रही हैं, दोपहिया वाहन चालक इन गड्ढों में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

    जनता को परेशानी हो रही है और यह लगातार जारी है। पिछले 10 साल की बात करें तो आम आदमी पार्टी के समय में भी गड्ढे बुरी तरह से लोगों को परेशान करते रहे हैं और यह समस्या अभी भी हल नहीं हो सकी है। दिल्ली की भाजपा सरकार में इसे लेकर लगातार मंथन चल रहा है कि सड़कों को गड्ढा मुक्त कैसे किया जा सके।

    भाजपा के सत्ता संभालते ही लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने दावा किया था कि दिल्ली में अब गड्ढे वाली सड़कें नहीं दिखाई देंगी, मगर ऐसा हो नहीं सका है। मगर अब दिल्ली में जल्द जल्द सड़कों के टूट जाने से बचने का रास्ता निकालने का हल निकालने की उम्मीद है।

    पॉलिमर मिक्स बिटुमिन का उपयोग उन मार्गों पर के लिए किया जाता है जिन पर यातायात का अधिक दबाव रहता है। एनएचएआइ इसका प्रयोग अपनी सड़कों के लिए करता है। दिल्ली में भी रिंग रोड, बाहरी रिंग रोड सहित प्रमुख सड़कों के लिए इसे उपयोगी माना जा सकता है। - डॉ. गगनदीप सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान

    पालीमर एक प्लास्टिक पदार्थ है, एक अच्छी व्यवस्था है, मगर इससे सड़क बनाने का खर्च 20 से 25 प्रतिशत तक जरूर बढ़ जाता है। मगर इससे यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इससे सड़कों के निर्माण में मजबूती आएगी। इसके साथ ही कम खर्च वाली पद्धति भी तलाशी जानी चाहिए। - दिनेश कुमार, पूर्व प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग

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