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    जल बोर्ड, BSES, PWD ने निर्माण कार्य के लिए खोदी सड़कें, फिर रास्‍तों को उजाड़ छोड़ा, जनता परेशान

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 03:52 PM (IST)

    पूर्वी दिल्ली में सरकारी विभागों की लापरवाही से सड़कों की हालत खस्ता है। जल बोर्ड बीएसईएस और पीडब्ल्यूडी ने पाइपलाइन और तार डालने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं की जिससे यमुना विहार जाफराबाद रोड कड़कड़ी मोड़ और किराड़ी जैसे इलाकों में सड़कें टूटी हुई हैं और जाम लगता है। मानसून में ये सड़कें हादसों का कारण बन सकती हैं।

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    राजधानी की अध‍िकतर सड़कों पर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन्‍हें छोड़ दिया गया है लावारिस।

    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सड़कों का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले जाम की तस्वीरें उभरती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है सरकारी विभागों की लापरवाही। सड़कों की खुदाई कर विभाग पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइन या अंडरग्राउंड तार डालकर काम तो कर देते हैं, लेकिन काम पूरा होने के बाद महीनों तक सड़कों की मरम्मत नहीं की जाती।

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    टूटी सड़कें और शुरू हो चुका मानसून

    दिल्ली के तमाम इलाकों में सड़कों की यही दुर्दशा है। लापरवाही के कारण सड़कें ऊबड़-खाबड़ पड़ी हैं। इन जगहों पर वाहन धीरे चलते हैं, जिससे जाम लगता है। मानसून की बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। टूटी सड़कें अब हादसों को खुला न्योता दे रही हैं।

    यमुना विहार: डेढ़ साल से अधूरा पड़ा काम

    यमुना विहार में दिल्ली जल बोर्ड पिछले डेढ़ साल से सीवर लाइन का काम कर रहा है। कई ब्लॉक में सीवर का काम पूरा हुए तीन-चार महीने हो चुके हैं, लेकिन सड़कें अब भी बदहाल हैं। टूटी सड़क से वाहन चालकों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं और दुर्घटनाओं का डर बना रहता है।

    जाफराबाद रोड: भीड़भाड़ में टूटी सड़कें

    जाफराबाद रोड, जो एक मुख्य मार्ग है, वहां वाहनों का भारी दबाव रहता है। सीलमपुर चौक, सीलमपुर मार्केट और मौजपुर में पीडब्ल्यूडी ने सड़क की खुदाई कर नाले की पाइपलाइन डाली थी। एक माह से सड़क टूटी है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं।

    जहां खुदाई हुई थी, वहां वाहन धीमे चलते हैं और जाम लग जाता है। हैरानी की बात यह है कि यहीं पीडब्ल्यूडी का कार्यालय भी मौजूद है, फिर भी सड़क को ठीक नहीं किया गया।

    स्वामी दयानंद मार्ग: बार-बार खुदाई, सड़क बदहाल

    स्वामी दयानंद मार्ग पर कड़कड़ी मोड़ के पास पहले जल बोर्ड ने खुदाई की थी। इसके बाद बीएसईएस ने तार डालने के लिए फिर से सड़क खोदी। दो महीने से सड़क टूटी है, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है।

    बारिश के मौसम में सड़क पर पानी जमा होने से गड्ढे दिखाई नहीं देते और वाहन चालकों के लिए दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

    दक्षिणी दिल्ली: कहीं पर भी नहीं हो रही मरम्मत

    दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी फ्लाईओवर से माता आनंदमयी मार्ग की सर्विस लेन पर बीएसईएस ने तीन महीने पहले केबल डालने के लिए खुदाई की थी। वहां गड्ढों को गिट्टी से पाटा गया, जो बारिश में धंस रही है।

    महरौली में पीटीएस चौक से भूलभुलैया तक बीएसईएस ने दो महीने पहले अंडरग्राउंड केबल बिछाने के लिए खुदाई की थी। संकरी सड़क के कारण ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है।

    ओखला मोड़ मार्ग: बस स्टॉप के पास टूटी सड़क

    ईएसआईसी अस्पताल से ओखला मोड़ जाने वाले मार्ग पर बस स्टॉप के आगे सड़क टूट चुकी है। पानी जमा होने से हालत और खराब है। रात में अंधेरे में दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। सराय काले खां स्थित बांसेरा पार्क के पास भी सड़क जगह-जगह टूटी हुई है और गड्ढे हादसों को न्योता दे रहे हैं।

    किराड़ी: चार महीने से बंद पड़ा रास्ता

    किराड़ी में प्रताप विहार गोल मार्केट से रोहिणी सेक्टर-20 और 21 को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर सीवर का मेनहाल बनाने के लिए करण विहार-दो के पास करीब चार महीने पहले खुदाई हुई थी। 50 फीट लंबी खुदाई के बाद से यह रास्ता पूरी तरह बंद पड़ा है।

    रास्ता बंद होने से इलाके के लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। यह सड़क डीएसआईडीसी ने बनाई थी और सीवर डालने का काम एक निजी कंपनी को सौंपा गया था, लेकिन अभी तक काम अधूरा है।