5.5 करोड़ का घोटाला... एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और ठेकेदार गिरफ्तार; जांच में सामने आई ये प्रमुख बातें
दिल्ली में सड़क और नाली निर्माण में 5.5 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है। एसीबी ने सिंचाई विभाग के निलंबित अभियंता गगन कुरील और बाबा कंस्ट्रक्शन के मालिक अरुण गुप्ता को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ठेकेदारों ने बिना काम किए ही पूरा भुगतान ले लिया। जांच में कई अनियमितताएं भी पाई गईं हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में सड़कों व नालियों के निर्माण समेत अन्य चार कार्यों में 5.5 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के निलंबित अधिशासी अभियंता गगन कुरील और बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक (निजी ठेकेदार) अरुण गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तरी जिला के सिरसपुर गांव व बुराड़ी में चार अलग-अलग काम किए जाने थे। ठेकेदारों ने केवल कागजों में उक्त कार्यों को पूरा होना दिखाकर बिना काम किए सौ प्रतिशत पैसों का भुगतान ले लिया था। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की शिकायत पर 12 मार्च को एसीबी ने निलंबित अधिशासी अभियंता गगन कुरील समेत अज्ञात के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया था। जांच के बाद सोमवार को एसीबी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी चीफ संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा का कहना है कि गगन कुरील, आदर्श नगर का रहने वाला है। वह सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग में बतौर अधिशासी अभियंता तैनात था। दिसंबर 2023 से वह निलंबित है। ठेकेदार अरुण गुप्ता, शांति मोहल्ला, गांधी नगर का रहने वाला है और बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक है।
वहीं, घोटाले की शिकायत आने पर गगन कुरील ने जांच में एसीबी को सहयोग किया लेकिन अरुण गुप्ता कभी सहयोग नहीं किया। पूछताछ के लिए बुलाने पर वह कभी पेश नहीं हुआ। जांच अधिकारी को उसने ऋषिकेश में होने की बात कही थी लेकिन छतरपुर के डेरा मांडी स्थित एक वकील के फार्म हाउस में वह कई दिनों से छिपा हुआ था। वहीं से उसे गिरफ्तार किया गया।
वहीं, अरुण गुप्ता के सगे भाई अंबा कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक वरुण गुप्ता की तलाश में एसीबी अब छापेमारी कर रही है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से पहले सतर्कता विभाग को शिकायत दी गई। विभाग द्वारा गठित एक इंजीनियरों की समिति ने कार्य स्थलों का भौतिक निरीक्षण में पाया कि चार मामलों में 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया, जबकि कोई काम नहीं किया गया।
जांच में ये प्रमुख बातें आई सामनें
- बाबा कंस्ट्रक्शन को सिरसपुर में नाले और सड़क निर्माण के लिए 5.3 करोड़ के तीन ठेके दिए गए थे, लेकिन काई कार्य नहीं किया गया और 4.2 करोड़ की राशि फिर भी जारी की गई।
- अंबा कंस्ट्रक्शन को बुराड़ी में सीटीपी नेटवर्क में मरम्मत के लिए 38.98 लाख का ठेका दिया गया था। यहां भी कोई काम न होने के बावजूद 43.74 लाख पेमेंट जारी कर दिए गए।
- तीन फर्जी बैंक गारंटी 2.24 करोड़ मूल्य की जमा की गई थी।
- संबंधित दस्तावेज और कंप्यूटराइज्ड मापन पुस्तिकाएं गायब कर दी गई।
- आवश्यक निरीक्षण और प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को जानबूझ कर दरकिनार किया गया।
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